मैं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर व्यथित हूं
मैरी लॉलर के अनुसार भारत मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को उचित सुरक्षा नहीं देता. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मैरी लॉलर ने स्वामी की गिरफ्तारी के 100 दिनों पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में यह बात कही. उन्होंने कहा, भारत एक ऐसा देश है, जो मानवाधिकार कार्यकताओं को उचित सुरक्षा मुहैया नहीं कराता. कहा कि मैं फादर स्टेन स्वामी जैसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर व्यथित हूं. इसे भी पढ़ें : अर्नब">https://lagatar.in/arnabs-chat-proof-that-the-media-is-now-an-equal-partner-in-the-governments-conspiracies/18397/">अर्नबके चैट प्रमाण हैं कि दलाल मीडिया अब सरकार की साजिशों में बराबर का भागीदार है
भारत सरकार से जवाब नहीं मिला
उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि देश में मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए गंभीर चुनौतियां हैं. देश मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति जवाबदेह है. उन्होंने कहा, नवंबर 2020 में मैंने गिरफ्तारी के प्रति चिंता जताते हुए भारत सरकार को पत्र भेजा था. सरकारों को 60 दिनों के भीतर इसका जवाब देना होता है, लेकिन मुझे आज तक भारत सरकार से जवाब नहीं मिला. इसे भी पढ़ें : मोदी">https://lagatar.in/the-modi-government-and-arnab-goswami-were-informed-about-the-pulwama-attack-4-days-ago-read-leaked-chat/18327/">मोदीसरकार और अर्नब गोस्वामी को पुलवामा हमले की सूचना 4 दिन पहले से थी! पढ़ें, लीक चैट
जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण, अनुचित और अन्यायपूर्ण था
स्टेन स्वामी के साथ मिलकर काम कर चुके आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता जेवियर डियाज़ ने कहा कि जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण, अनुचित और अन्यायपूर्ण था. उन्होंने कहा, लेकिन अगर आप इसे उस तरह से देखें, जिस तरह से स्टेन देखते हैं. स्टेन ने खुद एक राजनीतिक बयान दिया था कि अगर आप हजारों आदिवासियों को उठाकर जेल में डाल सकते हैं तो मेरे साथ भी ऐसा ही करें. हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण लड़ना है. इस चर्चा का संचालन कर रहे दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा, इस कार्यक्रम को फादर स्टेन स्वामी की बहादुरी के उत्सव के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि वह देश से नहीं लड़ रहे थे, वह देश के साथ युद्ध नहीं कर रहे थे. इसे भी पढ़ें : मंच">https://lagatar.in/saraswatis-statue-was-placed-on-the-stage-marathi-poet-refuses-to-take-vidarbha-sahitya-sangh-award/18385/">मंचपर सरस्वती की प्रतिमा लगी थी, मराठी कवि ने विदर्भ साहित्य संघ का अवॉर्ड लेने से इनकार किया

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