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अंडरग्राउंड केबलिंग अधूरी, हर दिन ग्रामीण क्षेत्रों में 5-6 घंटे और शहरी में औसतन एक घंटे कट रही बिजली

पिछले पांच साल में अंडरग्राउंड केबलिंग पूरी हुई होती तो ये स्थिति नहीं होती

अधिकारी ने कहा दिनों में थोड़े से फॉल्ट के कारण बिजली कटने की समस्या से लेागों को मिलेगी राहत

अभी भी 40 फीसदी अंडरग्राउंड केबलिंग अधूरा

Ranchi : राजधानी में बिजली की आंख मिचौनी से लोग परेशान है. हल्की सी आंधी बारिश राज्य में बिजली व्यवस्था की पोल खोल देती है. पिछले दो सप्ताह से राज्य में लगातार आंधी तूफान का सिलसिला जारी है. जिसे रांची भी अछूता नहीं है. साल 2015 में इस समस्या से निजात पाने के लिये अंडरग्राउंड केबलिंग शुरू की गयी. जिसकी फंडिंग वर्ल्ड बैंक ने की. लेकिन आज तक राजधानी में अंडग्राउंड केबलिंग का काम पूरा नहीं हुआ. बीच में एजेंसियों के अदला बदली के कारण 2018 में काम बाधित रहा. वहीं इस बार पिछले दो साल से आ रहे कोरोना से काम बाधित है. अब बिजली वितरण निगम की ओर से राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग कर रही एजेंसी केईआइ को एक्स्टेंशन देने की तैयारी की जा रही है.

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हर दिन शहरी क्षेत्र में एक घंटे कट रही बिजली

 एसएलडीसी की रिपोर्ट की मानें तो रांची के शहरी इलाके में हर दिन औसतन एक घंटे बिजली गुल रहती है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति इससे बदतर है. इन क्षेत्रों में पांच से छह घंटे हर दिन बिजली नहीं रहती. ऐसे इलाकों में नामकुम, हेसाग, हटिया, ईटकी आदि क्षेत्र शामिल है. वहीं तेज आंधी बारिश के कारण फीडर ट्रिप होने के कारण ब्लैक आउट की स्थिति होती है. बीते मंगलवार को भी राजधानी के कुसई और नामकुम फीडर ट्रिप हुआ. जिससे राजधानी में ब्लैक आउट की स्थिति हुई. बता दें कोरोना संक्रमण को देखते हुए पहले से इंजीनियरों को सब स्टेशनों में तीन शिफ्ट में ड्यूटी दी गयी है. इसके बाद भी बिजली कटौती जारी है.

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215 किलोमीटर शहरी क्षेत्र में हुई केबलिंग

 राजधानी में दो चरणों के तहत अंडरग्राउंड केबलिंग किया जा रहा है. पहले फेज में एजेंसी पॉलीकैब ने काम किया. जिसे 140 किलोमीटर क्षेत्र में केबलिंग की. वहीं दसूरे चरण के तहत एजेंसी केईआइ काम कर रही है. जिसे 350 किलोमीटर क्षेत्र में केबलिंग करना है. एजेंसी ने 215 किलोमीटर केबलिंग किया है. कोरोना महामारी के कारण फिलहाल काम रूका है. योजना के तहत 135 किलोमीटर क्षेत्र में केबलिंग होनी है. बिजली बोर्ड की मानें तो 60 फीसदी काम पूरा हुआ. वहीं, 40 फीसदी काम अब भी बाकी है. राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग शुरू नहीं हुआ है. दूसरे चरण का काम साल 2018 में शुरू हुआ.

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अंडरग्राउंड केबलिंग से मिलेगी राहत

 रांची विद्युत आपूर्ति क्षेत्र के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने कहा कि अंडग्राउंड केबलिंग हो जाने से लोगों की समस्या का समाधान होगा. वर्तमान स्थिति में बिजली आंधी और विशेषकर थंडरिंग से दुर्घटना न हो इस लिये बिजली काट दी जाती है. हालांकि जिन इलाकों में बारिश थंडरिंग के बाद स्थिति सामान्य रहता है वहां बिजली तुरंत बहाल की जाती है. वहीं पेड़ गिरने या आम दिनों में थोड़े से फॉल्ट के कारण बिजली कटने की समस्या से लेागों को राहत मिलेगी. इन्होंने बताया कि राजधानी में 215 किलोमीटर काम हो चुका है लेकिन चार्ज करना आदि तकनीकी काम बचे है.

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