Ranchi : झारखंड सरकार ने वर्ष 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित किया है, लेकिन युवा निराश हैं. छह माह बीत गये लेकिन घोषणा के अनुपात में नियुक्तियां नगण्य हैं. इसको लेकर युवाओ में रोष देखने को मिल रहा है. छात्रों और युवाओं ने सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए 21 जून से सरकार द्वारा घोषित नियुक्ति वर्ष की अंत्येष्टि मनाने का निर्णय लिया है. इसके लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन भी चलाया जायेगा.
युवाओं की मानें तो झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार युवाओं को प्रतिवर्ष 5 लाख रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आयी थी. सत्ता में आने के करीब डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो कोई परीक्षा ली गयी है और न ही पूर्व में ली गयी परीक्षाओं में चयनित छात्रों को नियुक्ति ही दी गयी. सिर्फ JPSC की नियुक्ति दी गयी, उसे भी हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया. ऐसे में निराश होकर छात्रों ने बड़ा ही अनोखा रास्ता चुना है. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा घोषित ‘नियुक्ति वर्ष (2021) का ‘अंतिम संस्कार’ ट्विटर के हैशटैग #jharkhandi_yuva_mange_rojgar के साथ 21 जून से 3 जुलाई तक मनाने का निर्णय किया है.
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छात्रों के अनुसार झारखंड में नियुक्तियों और परीक्षा की वस्तुस्थिति इस प्रकार है
- 7वीं, 8वीं और 9वीं JPSC के फॉर्म भरवाये कई महीने बीत गये, लेकिन प्रारंभिक परीक्षा का कोई अता-पता नहीं है.
- JSSC-CGL जो पिछले 6 वर्षों से अधर में लटकी है, सरकार उस पर बिलकुल निष्क्रिय है.
- पंचायत सचिव की चयन प्रक्रिया लगभग पूर्ण है, लेकिन सरकार ने नियुक्ति रोक रखी है.
- JSSC द्वारा लगभग 2 वर्ष पूर्व स्पेशल ब्रांच और एक्साइज कांस्टेबल की परीक्षा ली गयी. आज तक परीक्षाफल प्रकाशन नहीं हो पाया है.
- TET पास अभ्यर्थी को सीधी नियुक्ति का वादा किया गया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद उनकी नियुक्ति को भी रोक दिया गया है.
- जूनियर इंजिनियर की परीक्षा हुए लगभग 7 वर्ष बीत चुके है लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
- विभिन्न टेक्निकल कोर्स किये विद्यार्थियों के लिए पहली बार वर्ष 2015 में JSSC-CGL आयी थी. उसकी भी प्रक्रिया रद्द कर दी गयी और आज तक उसका पुनः विज्ञापन नहीं आ पाया है.
- ANM-GNM की नियुक्ति भी फंस कर रख दी गयी है.
- झारखंड पुलिस (दारोगा) में उम्र सीमा अधिकतम 26 वर्ष कर दी गयी है, लेकिन पिछले 4 वर्ष पहले से इसका भी कोई विज्ञापन नहीं आया है. यदि 6-8 वर्ष के अंतराल में परीक्षा होगी, तो कई छात्र को बिना परीक्षा में बैठे ही अधिकतम उम्र की सीमा पार कर जायेंगे.
- झारखंड सिपाही की भी परीक्षा 6 वर्ष पूर्व में हुई थी. उसके बाद से सरकार इस परीक्षा को लेकर गहरी नींद में चली गयी है.
- फॉरेस्ट गार्ड – कक्षपाल की भी परीक्षा 2014-15 में हुई थी. 6-7 वर्ष गुजरने पर भी सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है.
- एक्साइज इंस्पेक्टर पद के लिए विज्ञापन को बीच में रोक कर रख दिया गया है.
छात्रों के मुताबिक इनमें से कई परीक्षा की नियमावली बनी हुई है और अधियाचना भी जा चुकी है, लेकिन सरकार ने इस पर रोक लगा रखी है. इन मुद्दों पर सरकार का बस एक ही जवाब आता है कि नियोजन नीति पर केस प्रक्रियाधीन है.