- ‘सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ के आंकड़ों के अनुसार
- 25-29 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी 15.5 प्रतिशत
- 20-24 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी दर 45.5 प्रतिशत
- 30-34 साल की उम्र वालों में बेरोजगारी दर तीन साल के उच्चतम स्तर पर
NewDelhi : मोदी सरकार के कार्यकाल में देश में “नौकरियों के अकाल” के हालात और भी बदतर हो गये हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल दो करोड़ रोजगार सृजन का अपना वादा पूरा करने में पूरी तरह विफल रहे हैं. यह आरोप कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने लगाये हैं. रमेश ने कहा कि भारत का युवा ऐसी तरक्की का हकदार है जो उसे अच्छी गुणवत्ता वाली नौकरी दे, न कि ‘बेरोजगारी और पकौड़े की दुकान. लेकिन विगत 10 वर्षों में देश की स्थिति और खराब हुई है.
ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की स्थिति ज्यादा भयावह
‘सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ के आंकड़ों का हवाला देते हुए रमेश ने कहा कि दिसंबर 2023 में 25-29 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी 15.5 प्रतिशत रही, जो लगभग चार वर्षों में सबसे अधिक है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ”इसका मतलब यह है कि बेरोजगारी की स्थिति अब कोविड-19 महामारी के समय से भी बदतर है. रमेश ने कहा कि 20-24 आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी दर 45.5 प्रतिशत है. उन्होंने दावा किया कि 30-34 साल की उम्र वालों के लिए भी बेरोजगारी दर तीन साल के उच्चतम स्तर पर है. कांग्रेस के महासचिव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की स्थिति ज्यादा भयावह है. अधिक से अधिक परिवार मनरेगा की ओर रुख कर रहे हैं. क्योंकि कोई अन्य रोजगार उपलब्ध नहीं है.