New Delhi : कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा राहुल गांघी को लेकर बालक बुद्धि वाला ट्वीट किये जाने पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, कैबिनेट(मोदी) में बैल बुद्धि वाले बैठे हुए हैं. कैसे कैसे बैल बुद्धि भरे हुए हैं कैबिनेट में.
It pains me to see that, driven by an inexplicable desire to run down India and our robust democratic system, politicians of a particular thinking and ideology, including those deeply influenced by the Balak Buddhi, hover on the brink of a different kind of mental state. One that…
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) September 10, 2025
कैसे कैसे बैल बुद्धि भरे हुए हैं कैबिनेट में।
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) September 11, 2025
वोटर्स लिस्ट में गड़बड़ियों का मुद्दा राहुल जी ने 7 अगस्त को उठाया था।
अनुराग ठाकुर के भी बाद यह महाशय आज जागे हैं और यह भी गोली चला तो कांग्रेस पर रहे हैं, वो लग चुनाव आयोग को रही है। https://t.co/CHMGjeRlPF
वोटर्स लिस्ट में गड़बड़ियों का मुद्दा राहुल जी ने 7 अगस्त को उठाया था. अनुराग ठाकुर के भी बाद यह महाशय आज जागे हैं. यह गोली चला तो कांग्रेस पर रहे हैं, वो लग चुनाव आयोग को रही है. हरदीप पुरी इस पर अब रिएक्ट कर रहे हैं, तो वो बैल बुद्धि नहीं तो और क्या हैं? पवन खेड़ा ने कहा, उन्हें जो कहना है कहने दें. हंस लो और आगे बढ़ो. इसे गंभीरता से क्यों लिया जाये
दरअसल उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के हार जाने पर केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कल कांग्रेस और विपक्षी दलों पर हल्ला बोला था. कहा था कि भाजपा और चुनाव आयोग पर लगातार वोट चोरी का आरोप लगाने वाला विपक्षी नेता आरोप लगाओ और भाग जाओ की राजनीति में माहिर है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मतपत्रों पर आधारित चुनाव में विपक्षी नेता यह नहीं बता पा रहे हैं कि उनके लगभग 35 सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट क्यों डाला. हरदीप सिंह पुरी ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना बालक बुद्धि वाला तंज भी कसा.
पुरी ने एक्स पर पोस्ट किया. लिखा कि यह देखकर दुख होता है कि भारत और हमारी मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था को नीचा दिखाने की अजीब इच्छा से प्रेरित होकर कुछ नेता, खास सोच और विचारधारा से प्रभावित खासकर बालक बुद्धि वाले, ऐसी मानसिक स्थिति के करीब पहुंच जाते हैं,जहां वे तर्क छोड़कर झूठ बोलते हैं .
लिखा कि चुनावी व्यवस्था पर शक करते हैं मुझे यह देखकर दुख होता है कि भारत और हमारी मज़बूत लोकतांत्रिक व्यवस्था को नीचा दिखाने की एक अजीबोगरीब इच्छा से प्रेरित होकर एक अलग तरह की मानसिक स्थिति के कगार पर पहुंच जाते है.
हरदीप सिंह पुरी ने लिखा कि एक दिन वे पेपर बैलेट के समर्थक हो जाते हैं और दूसरे दिन जब वे पेपर बैलेट पर आधारित चुनाव हार जाते हैं, तो यह नहीं बता पाते कि पेपर बैलेट के बावजूद उनके लगभग 35 सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को वोट कैसे दिया.
वे गोली चलाओ और भाग जाओ की राजनीति में माहिर हैं. उनके आरोप आमतौर पर तथ्यों से परे और झूठे आंकड़ों पर आधारित होते हैं और हमेशा पहली ही जांच में धराशायी हो जाते हैं.
हरदीप सिंह पुरी ने आरोप लगाया कि वोट चोरी के काल्पनिक दावों के पीछे असली वजह वोट बैंक की राजनीति है. उनका मकसद घुसपैठियों को सशक्त बनाना, असली भारतीयों का जनादेश चुराना और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करना है.
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