Amit Singh
Ranchi : जेएनएनयूआरएम रांची शहरी जलापूर्ति योजना के तहत डोरंडा, कुसई और घाघरा इलाके के सैकड़ों घरों को पानी नहीं मिल पाएगा. क्योंकि पेयजल विभाग के इंजीनियरों ने कुसई में बने पानी की टंकी की ऊंचाई कम कर दी है. पहले इसे जिस स्थान पर बनना था, उसके बजाए अब दो मीटर निचली जगह पर बनाया दिया गया है. क्योंकि बिजली बोर्ड ने ओवर वाटर हेड टैंक अपनी जमीन पर नहीं बनाने दिया. इंजीनियरों ने राशि खर्च करने के लिए आपाधापी में दो मीटर नीचे की जमीन पर टंकी बनाया, और उस टंकी की ऊंचाई भी दो मीटर कम कर दी. इंजीनियरों ने टंकी के स्थान परिर्तन और ऊंचाई घटाने की जानकारी पेयजल मुख्यालय तक को नहीं दी. कुसई टंकी से 3.50 किमी क्षेत्र तक पानी पहुंचना था. मगर 4 मीटर टंकी की ऊंचाई घटी, इसलिए अब 2.86 किमी तक ही पर्याप्त पानी मिल पाएगा. इस वजह से 11 हजार आबादी प्रभावित होगी.
इसे भी पढ़ें – नंदीग्राम में हाई प्रोफाईल मुकाबला : चुनाव प्रचार के अंतिम दिन ममता बनर्जी और अमित शाह का रोड शो
टंकी की ऊंचाई 4 मीटर कम हुई, मगर खर्च कम नहीं हुआ
कुसई में पहले टंकी की कुल ऊंचाई 24 मीटर थी. जो बनकर तैयार है, 22 मीटर ऊंची है. यानी टंकी की ऊंचाई 4 मीटर कम हो गई है. दो मीटर टंकी की ऊंचाई घटी और दो मीटर जमीन. जिस वजह से टारगेटेड लास्ट कंज्यूमर प्वाइंट तक प्रेशर से पानी नहीं पहुंचेगा. इस पूरे मामले से पेयजल विभाग के आला अफसर वाकिफ हैं. मगर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है. जबकि पेयजल विभाग के ही इंजीनियरों ने बिना किसी को जानकारी दिए टंकी का स्थान परिवर्तित कर दिया. टंकी की ऊंचाई कम कर दी. यह सब घपला किया, मगर निर्माण खर्च में इंजीनियरों ने कोई कटौती नहीं की. 24 मीटर के स्टीमेटेड कॉस्ट पर ही 22 मीटर ऊंची टंकी का निर्माण किया.
तकनीकी स्वीकृति देते समय नहीं देखी टंकी की स्टैंडिंग हाइट
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मुख्यालय में बैठे इंजीनियरों ने कुंसई टंकी की योजना को तकनीकी स्वीकृति दी. तकनीकी स्वीकृति देते हुए ही इंजीनियरों ने टंकी का निर्माण कराया. मगर तकनीकी स्वीकृति देते समय किसी भी जिम्मेवार ने टंकी की स्टैंडिंग हाइट को देखा तक नहीं. चार मीटर ऊंचाई कम होने से 13 फीसदी वाटर कनेक्शन कम हुआ है. इंजीनियरों ने जल्द से जल्द राशि खर्च करने के लिए जैसे-तैसे टंकी का निर्माण करा दिया.
जानिए कैसे नोड से होती है पानी सप्लाई पाइपलाइन को जोड़ने वाला जंक्शन ज्वाइंट. यहां से एक साथ तीन से ज्यादा दिशाओं में पानी की सप्लाई की जाती है.
222 नोड है कुल कुसई में
24 नोड पर 12 मीटर से कम प्रेशन, यानी 3 मंजिला मकान तक नहीं पहुंचेगा पानी
– 01 नोड पर 8.75 मीटर प्रेशर यानी, एक मंजिल पर भी पानी मिलना मुश्किल.
– 25 नोड पर 9 से 11 मीटर तक प्रेशर यानी, 2 मंजिला तक भी पानी नहीं पहुंचेगा.
– 11 हजार कनेक्शन दिए जा सकते है, यानी एक नोड पर 50 कनेक्शन का लोड है.
जगह तो बदली, लेकिन डिजाइन नहीं
जहां पहले टंकी बननी थी, यह दो मीटर ऊंची थी. उसी के हिसाब से ड्रॉइंग-डिजाइन तैयार हुआ था. इंजीनियरों ने दो मीटर नीचे की जगह पर टंकी बना दी. लेकिन ड्रॉइंग-डिजाइन में बदलाव नहीं किया. पुरानी डिलाइन की फोटोकॉपी पर ही एप्रूवल ले लिया. पेयजल विभाग के सेंट्रल डिलाइन ऑर्गेनाइजेशन, सीडीओ ने यह गड़बड़ी पकड़ ली. उसने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग शीर्ष कार्य प्रमंडल रांची से जवाब मांगा था. जवाब तो मिला नहीं, मगर टंकी का निर्माण पूरा हो गया.
शहर में इतना प्रेशर चाहिए
सेंट्रल पब्लिक एनवायरमेंट इंजीनियर ऑर्गनाइजेशन , सीपीएचईईओ, ने निर्धारित पैमाने के अनुसार शहरी क्षेत्र में टंकी की ऊंचाई इतनी होनी चाहिए कि टारगेटेड लास्ट कंज्यूमर प्वाइंट पर 12 मीटर ऊंचाई तक पानी की सप्लाई. यानी आसानी से तीन मंजिला मकान के उपर रखी टंकी तक पानी पहुंचे. महानगर में 17 मीटर ऊंचाई और ग्रामीण क्षेत्र में 07 मीटर ऊंचाई तक पानी का प्रेशन होना चाहिए.
इन क्षेत्रों में नहीं मिलेगा पर्याप्त पानी
घाघरा रोड, स्वर्णरेखा घाघरा पुल के आसपास, कुसई कॉलोनी, बिजली बोर्ड एरिया के आसपास, सदाबहार चौक और नामकुम.
योजना के तहत बनायी गयी टंकियां
स्थान | क्षमता | ऊंचाई |
कुसई | 2.57एमएल | 22मीटर |
हरमू | 1.23एमएल | 17मीटर |
डिबडीह | 3.01एमएल | 18मीटर |
हटिया | 3.92एमएल | 21मीटर |
तुपुदाना | 3.56एमएल | 18मीटर |
धनबाद : सब्जी मंडी में लगी आग, करोड़ों का सामान जलकर राख, मौके से हथियार बरामद