Jamui : बिहार के जमुई जिले में एक अनोखी शादी हुई. जहां पंडितों ने वैदिक मंत्रों के बजाय वर-वधू को भारत के संविधान के प्रति निष्ठा का पाठ पढ़ाया. इस शादी की चर्चा काफी जोरों से हो रही है. दूल्हा- दुल्हन मे संविधान को साक्षी मानकर शपथ लिया और एक – दूसरे से परिणय सूत्र में बंध गये.
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मंत्रों की जगह संविधान का लिया शपथ
मिली जानकारी के अनुसार जमुई जिले के अलीगंज बाजार के रहने वाले पंचदेव विश्वकर्मा के बेटे चंद्रदेव विश्वकर्मा की शादी वैशाली जिले के लालगंज इलाके के सिरसाराम राय गांव के डॉक्टर गजेंद्र शर्मा की बेटी प्रिया शर्मा की शादी बीते 13 मई को हुई थी. शादी समारोह में दुल्हा- दुल्हन ने उनके घर वालों के सामने भारतीय संविधान को अपना सबकुछ मानकर शपथ पत्र पढ़ा और अपना-अपना हस्ताक्षर किया. और दहेज के खिलाफ अभियान में अपनी सहभागिता निश्चित करने का संकल्प लिया. दहेज उन्मूलन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए अनोखे अंदाज में शादी की गई.
इस शादी में वैदिक मंत्रोच्चारण के जगह पर भारतीय संविधान को साक्षी मानकर शपथ पढ़ा गया, और फिर दोनों ने बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया. संकल्प लेते ही शादी संपन्न हो गयी. इस तरह से हुई शादी की चर्चा पूरे जिले हो रही है.
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दूल्हे के फूफा ने संविधान को सामने रखकर शपथ ग्रहण करवायी
शादी समारोह में शामिल लोगों ने बताया कि दूल्हे के फूफा ने संविधान को सामने रखकर शपथ ग्रहण करवायी. बताया जा रहा है कि दूल्हा चंद्रदेव विश्वकर्मा स्नातक पास होने के बाद झारखंड के गोड्डा में हार्डवेयर का कारोबारी हैं, जबकि दूल्हन पूजा विश्वकर्मा एमकॉम हैं.
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पूरा परिवार बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को मानता है
चंद्रदेव के पिता पंचदेव विश्वकर्मा राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के सचिव है, पंचदेव विश्वकर्मा ने कहा कि उनका पूरा परिवार बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को मानता है वे लोग दहेज के खिलाफ है. शादी में वधू पक्ष भी सामान विचारधारा के मिल गए तो बेटे की शादी में मंत्र की जगह पर देश संविधान को अपना सबकुछ मानकर शपथ पढ़ाया गया.
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