Ranchi : झारखंड के महाविद्यालयों में अनुबंध पर नियुक्त शिक्षकेत्तर कर्मचारी पिछले 86 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. राजभवन के समक्ष चल रहे धरना-प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने दो जुलाई को पकौड़ा बेच कर विरोध जताया. कर्मचारियों ने राजभवन के सामने से गुजरने वाले लोगों को रोक-रोक करके पकौड़ा खाने के लिए दिया और उनसे पैसे देने का अनुरोध किया.
कर्मचारियों का कहना है कि उन लोगों ने आज पकौड़ा बेच करके सरकार को यह संदेश दिया है कि अगर उन्हें नौकरी से निकाला जाता है, तो वह पकौड़ा बेचने को मजबूर होंगे. सड़क पर आ जाएंगे.
कर्मचारियों के मुताबिक नई शिक्षा नीति 2020 के तहत इंटरमीडिएट कक्षाएं अंगीभूत महाविद्यालयों से हटा दी गई हैं, जिससे वहां कार्यरत लगभग 450 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ गई है. उनकी मांग हैं कि सरकार ने जिस प्रकार से छात्रों को 10+2 विद्यालयों में समायोजित कर दिया, लेकिन कर्मचारियों के भविष्य पर अब भी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक इससे पहले कर्मचारी बूट पॉलिश, भिक्षाटन और यज्ञ-हवन जैसे कार्यक्रमों करके अपना विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं. यह सब इसलिए कर रहे हैं कि सरकार उनकी मांगों को सुने और उनके लिए रास्ता निकाले.