ग्लोबल नॉर्थ के धनी देशों की तुलना में ग्लोबल साउथ में उच्च स्तर की गरीबी, आय असमानता और जीवन स्थितियाँ चुनौतीपूर्ण हैं.
New York : विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा साउथ राइजिंग: पार्टनरशिप्स, इंस्टीट्यूशंस एंड आइडियाज विषय पर आयोजित मंत्रिस्तरीय सत्र में ग्लोबल नॉर्थ की हिप्पोक्रेसी पर हल्ला बोला.
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Many folks were surprised, how India got everybody together: Jaishankar on India’s G20 presidency
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— ANI Digital (@ani_digital) September 24, 2023
“When it comes to South-South cooperation, we walk the talk”: EAM Jaishankar
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— ANI Digital (@ani_digital) September 24, 2023
#WATCH | At the India-UN Global Summit, External Affairs Minister Dr S Jaishankar says, “While we are the G20 president till the end of this year, both before the G20 presidency and certainly after it, we will remain very much a partner, a contributor, a collaborator in our own… pic.twitter.com/8lkJCP2X5C
— ANI (@ANI) September 23, 2023
एस जयशंकर ने कहा कि आज भी डबल स्टैंडर्ड वाली दुनिया है और जो देश प्रभावशाली पदों पर काबिज हैं, वे बदलाव के लिए बन रहे दबाव का विरोध कर रहे हैं. आरोप लगाया कि ऐतिहासिक प्रभुत्व वाले लोगों ने उन क्षमताओं को हथियार बना लिया है.
भारत को पूरी दुनिया में ग्लोबल साउथ का नेता माना जाता है
कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज, रिलायंस फाउंडेशन के सीईओ जगन्नाथ कुमार, भारत में संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोम्बी शार्प और ओआरएफ के अध्यक्ष समीर सरन ने भी विचार रखे. एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हम यह देखते हैं कि जो लोग प्रभावशाली पदों पर बैठे हैं, वे बदलाव के लिए बन रहे दबाव का विरोध कर रहे हैं.
ग्लोबल नॉर्थ में अधिक समृद्ध राष्ट्र हैं.
कहा कि ग्लोबल नॉर्थ में अधिक समृद्ध राष्ट्र हैं. जो ज़्यादातर उत्तरी अमेरिका और यूरोप में स्थित हैं. जान लें कि ग्लोबल नॉर्थ के धनी देशों की तुलना में ग्लोबल साउथ में उच्च स्तर की गरीबी, आय असमानता और जीवन स्थितियाँ चुनौतीपूर्ण हैं. भारत को पूरी दुनिया में ग्लोबल साउथ का नेता माना जाता है.
आर्थिक रूप से प्रभुत्वशाली देश उत्पादन क्षमताओं का लाभ उठा रहे हैं
जयशंकर ने कहा कि जो लोग आज आर्थिक रूप से प्रभुत्वशाली हैं, वे अपनी उत्पादन क्षमताओं का लाभ उठा रहे हैं और जिनके पास संस्थागत प्रभाव या ऐतिहासिक प्रभाव है उन्होंने वास्तव में अपनी उन क्षमताओं को ही हथियार बना लिया है. उन्होंने कहा, ‘वे सभी सही बातें बोलेंगे, लेकिन वास्तविकता यह है कि आज भी यह बहुत ही दोहरे मानकों वाली दुनिया है, कोविड स्वयं इसका एक उदाहरण था.
ग्लोबल साउथ गेहूं कम और बाजरा अधिक खाता है
उन्होंने कहा, ग्लोबल नॉर्थ… यह सिर्फ नॉर्थ नहीं है. ऐसे कुछ हिस्से हैं जो शायद खुद को नॉर्थ में नहीं मानते हैं, लेकिन बदलाव के प्रति बहुत विरोध रखते हैं. फिर से सांस्कृतिक संतुलन का वास्तविक मतलब, दुनिया की विविधता को पहचानना, दुनिया की विविधता का सम्मान करना और अन्य संस्कृतियों और अन्य परंपराओं को उनका उचित सम्मान देना है. विदेश मंत्री जयशंकर ने जी 20 शिखर सम्मेलन का जिक्र किया. बाजरा (मिलेट्स) का उदाहरण देते हुए कहा कि ग्लोबल साउथ ऐतिहासिक रूप से गेहूं कम और बाजरा अधिक खाता है .
यूरोप की समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं लेकिन…
जयशंकर ने कहा, दिसंबर 2023 में ब्राजील के अध्यक्ष बनने से पहले भारत की जी20 अध्यक्षता के कुछ महीने बाकी हैं और हमें उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सुधार पर कुछ प्रगति होगी. ओआरएफ के अध्यक्ष समीर सरन ने जयशंकर की टिप्पणी का उल्लेख किया. कहा कि यूरोप की समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं. साथ ही कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि जयशंकर यूरोप के प्रति सख्त हैं लेकिन यह उचित मूल्यांकन कहा जायेगा.