की बढ़ती कीमतों से कपड़ा बाजार भी महंगा, 15 फीसदी तक बढ़े दाम
इन आकंड़ों से जानिये कि पिछले साल के मुकाबले इस साल ब्रांडेड कपड़ों की कीमतों में कितनी वृध्दि हुई है-
ब्रांडेड जींस | 2020 की कीमत | 2021 की कीमत |
लिवाइस | 2499 रुपये | 2799 रुपये |
ली | 2599 रुपये | 2699 रुपये |
मुफ्ती | 2799 रुपये | 2899 रुपये |
साइट्रस | 999 रुपये | 1199 रुपये |
लिव-इन | 1299 रुपये | 1499 रुपये |
मोन्टे कार्लो | 1599 रुपये | 1899 रुपये |
किलर | 1499 रुपये | 1699 रुपये |
पीटर इग्लैंड | 1399 रुपये | 1599 रुपये |
मोरकल | 999 रुपये | 1199 रुपये |
स्पाइकर | 999 रुपये | 1199 रुपये |
कीमत बढ़ने पर भी ब्रांड्स हैं डिमांड में
वूल हाउस के संचालक मनीष कुजारा ने कहा कि अगर पिछले साल से तुलना करें, तो कुछ ब्रांडेड् कपड़ों की कीमत में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. फिर भी कस्टमर्स के बीच लिवाइस, सभ्यता, बीबा, पीटर इंग्लैंड, बीइआईएनडीआई जैसे ब्रांड्स की काफी डिमांड है.ब्रांडेड में असली-नकली की पहचान जरूरी
सेवासदन रोड स्थित जींस के थोक विक्रेता निर्मल राय ने बताया कि ब्रांडेड कपड़ों में असली और नकली की पहचान जरूरी है. आजकल लोग यही नहीं देखते कि वे जो कपड़ा खरीदने जा रहे हैं वह असल में उसी ब्रांड का हैं या नहीं. अक्सर ग्राहक ब्रांड में धोखा खा जाते हैं और नकली माल खरीद लेते हैं. ब्रांड के नाम पर कई लोग लोकल माल भी बेच देते हैं. आगे उन्होंने बताया कि ब्रांडेड कपड़ों की सबसे बड़ी पहचान होती है टैग. लेकिन आजकल के लोग इन टैग तक को कॉपी करके कपड़े बेचते हैं. इनके टैग्स से ही असली ब्रांड का पता लगा सकते हैं. कई ब्रांड्स कपड़ों की लाइनिंग में टैग लगाते हैं. जिन कपड़ों के लाइनिंग में टैग लगा मिले तो समझ जाइये कि वो ब्रांडेड है. साथ ही उस कपड़े की सिलाई भी देखें. ब्रांडेड कपड़े की सिलाई सीधी, मजबूत और नीट होगी. इसे भी पढ़ें: प्रताप">https://lagatar.in/arvind-subramaniam-also-resigns-from-ashoka-university-after-pratap-bhanu-mehta/39333/">प्रतापभानु मेहता के बाद अरविंद सुब्रमण्यम का भी अशोका यूनिवर्सिटी से इस्तीफा
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