Chaibasa : झारखंड विधानसभा की जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति ने पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा में सड़क योजनाओं की धीमी गति पर चिंता जाहिर की है. समिति के सभापति डॉ सरफराज अहमद ने कहा कि जिला प्रशासन योजनाओं को गंभीरता से काम नहीं करा रहा है. 3 से 4 साल में सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो रहा है जो दुखद है. उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि आरईओ और फॉरेस्ट विभाग के साथ मिलकर अधूरी पड़ी सड़कों को पूरा किया जाए. सड़क सही हो नहीं होने के कारण विकास की गति धीमी हो जाती है. साथ ही उन्होंने कहा कि कई योजनाएं बंद होने के कारण लोग बेरोजगार हो गए.
जिले की 210 योजनाओं की समीक्षा हुई
मंगलवार को सारंडा का दौरा कर फिर चाईबासा पहुंचे समिति के अध्यक्ष डॉ सरफराज अहमद और समिति सदस्यों ने बारी-बारी से सभी योजनाओं की समीक्षा की. लगभग 210 योजनाओं की समीक्षा कर सभी लंबित योजनाओं को अविलंब पूरा करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम में कोरोना काल के दौरान कई योजनाएं लंबित हो गई हैं, इससे रोजगार से लेकर विकास की रफ्तार भी घट गई. धरातल निरीक्षण में कई तरह की कमी पाई गई है. लेकिन उस कमी को दूर करने की जिम्मेदारी हम सब की है. जिला प्रशासन गंभीरता से काम करे.
गांव के विकास के लिए भेजी जाने वाली राशि का सदुपयोग हो
उपायुक्त अनन्य मित्तल ने केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विकास योजनाओं की समिति को जानकारी दी. समिति ने संचालित योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए पदाधिकारियों को टास्क सौंपा. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गांव के विकास को लेकर जो भी योजनाओं के लिए राशि भेजी जाती है, उस राशि का सही उपयोग कर योजनाओं को धरातल पर उतारना सुनिश्चित करें. तभी केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की सार्थकता सिद्ध होगी. मौके पर समिति के सदस्य विधायक अमित कुमार मंडल ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम की पहचान पूरे देश में है, सारंडा जैसे खूबसूरत जंगल को बेहतर पर्यटन स्थल बनाना हमारी जिम्मेदारी है. जिला प्रशासन सेल के सहयोग से सीएसआर के तहत अधूरे कार्याे को पूरा कराए. यहां सीएसआर के तहत कई तरह के काम हो सकते हैं. बैठक में मुख्य रूप से समिति के सदस्य के अलावा स्थानीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे.