Mumbai : महाराष्ट्र की सियासत में सुलगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की बार-बार मुलाकात ने एक बार राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी है. इस बीच शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने इस मुलाकात पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. संजय राउत ने कहा कि अजित पवार की शरद पवार (अपने चाचा) से बार-बार मुलाकात को देखना दिलचस्प है. लेकिन राकांपा प्रमुख भी इससे बच नहीं रहे हैं. शिवसेना-यूबीटी ने आशंका जतायी है कि भाजपा के ‘चाणक्य’ अजित को शरद पवार से मिलने के लिए भेजकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. इस तरह की मुलाकातें शरद पवार की छवि को धूमिल कर रही हैं और यह अच्छा नहीं है. बता दें कि दो दिन पहले पुणे में एक कारोबारी के आवास पर शरद पवार और अजित पवार की गुप्त बैठक हुई थी. (पढ़ें, WI से भारत ने टी-20 सीरीज गंवाया, राहुल द्रविड़ ने दिया चौंकाने वाला बयान)
चाचा-भतीजे की मुलाकात में गलत क्या है-शरद पवार
अजित पवार ने राकांपा के बागी विधायकों का नेतृत्व किया और महाराष्ट्र में शिवसेवा-भाजपा सरकार में शामिल हो गये. राज्य में शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस की सहयोगी राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ नहीं जायेगी. हालांकि उनके कुछ शुभचिंतक उन्हें मनाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर उनके भतीजे अजित पवार उनसे मुलाकात करते हैं तो इसमें गलत क्या है. कहा कि रोजाना भ्रम की स्थिति पैदा करना अब लोगों की समझ से परे हो गया है. रोज-रोज के इस खेल से जनता अब उदासीन हो चुकी है. कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने अजित और शरद पवार के बीच बैठक को दिलचस्प करार दिया है. शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार में भाजपा के साथ हाथ मिलाने का अजित पवार का फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के साथ अब तक का सबसे बड़ा मजाक बन गया है.
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