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रेफर करने को कहने के बाद भी नहीं माने डॉक्टर
बच्चे के पिता देवदत्त पांडेय ने कहा कि अस्पताल के डॉक्टर ने लिखकर दिया था कि हमारे अस्पताल में न्यूरो फिजीशियन डॉक्टर उपलब्ध नहीं है और ना ही बच्चों के कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन को हमारे बच्चे के इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर कर देना चाहिए था. लेकिन जब बच्चे की मौत हो जाती है तब कार्डियक अरेस्ट मौत का कारण बता दिया जाता है. जबकि हमलोग चिकित्सकों से बार-बार रेफर करने का आग्रह कर रहे थे, लेकिन हमारे बच्चे को रेफर नहीं किया गया.बच्चे की स्थिति थी गंभीर, हरसंभव किया प्रयास –डॉ राजेश
वहीं रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉ राजेश ने कहा कि बच्चे की स्थिति गंभीर थी और उसका इलाज वेंटिलेटर पर चल रहा था. हम लोगों ने बच्चे को बचाने का हर संभव प्रयास किया. लेकिन हम उसे बचा नहीं पाए. परिजनों का आरोप था कि बच्चे को रेफर नहीं किया गया. इसे लेकर डॉ राजेश ने कहा कि बच्चे की स्थिति काफी गंभीर थी. ऐसी परिस्थिति में बच्चे को एयर एंबुलेंस की जरूरत पड़ती और महानगर के बड़े अस्पताल में उसे रेफर करना पड़ता. इसे भी पढ़ें –BIG">https://lagatar.in/big-breaking-brother-tirkey-convicted-sentenced-to-3-years-membership-will-be-canceled/">BIGBREAKING : बंधु तिर्की दोषी करार, 3 साल की सजा, सदस्यता होगी रद्द [wpse_comments_template]

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