NewDelhi : अमेरिका की वोटर टर्नआउट फंडिंग से संबंधित रिपोर्ट इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गयी है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका द्वारा वोटर टर्नआउट के लिए कथित तौर पर 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग भारत के लिए नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लिए थी. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार कह रहे हैं कि USAID द्वारा भारत को 21 मिलियन डॉलर दिये जाने थे.
FAKE NEWS ALERT 🚨‼️
The Indian Express story discusses $21 million in funding to Bangladesh in 2022. However, the article misrepresents the reference to a $21 million funding tranche intended to ‘promote’ voter turnout in India.
What Indian Express conveniently sidesteps is… pic.twitter.com/niOaWXivm5
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 21, 2025
हाल में जो revelation हुआ है, मैं देखकर दंग रह गया।
The President of the United States has revealed with full sense of responsibility that the democratic process of this country was sought to be modulated, manipulated to dent, taint the purity of our election system.
I’m sure… pic.twitter.com/NhO9ijuzJo
— Vice-President of India (@VPIndia) February 21, 2025
VIDEO | Addressing a press conference in Delhi, Congress leader Pawan Khera (@Pawankhera) says, “For the past one week, a false narrative is being spread that US aid of 21 million dollars was taken to destabilise PM Modi… Where are Ajit Doval, IB, and RAW?.. If 21 million… pic.twitter.com/FcKNKPVl9s
— Press Trust of India (@PTI_News) February 21, 2025
झूठ सबसे पहले वाशिंगटन में बोला गया.
फिर झूठ को भाजपा की झूठ सेना द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया.
गोदी मीडिया पर बहस के लिए झूठ गढ़ा गया.
अब झूठ का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है.
क्या झूठे लोग माफी मांगेंगे? pic.twitter.com/7Q4xmM7Gsr
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 21, 2025
भाजपा ने इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट को फर्जी करार दिया
ट्रंप के बयान के बाद भाजपा ने इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट को फर्जी करार दिया है. बता दें कि कांग्रेस ने इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने विपक्षी पार्टी(कांग्रेस) पर चुनाव प्रक्रिया में बाहरी प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाकर जल्दबाजी दिखाई है. इंडियन एक्सप्रेस की जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2008 के बाद से भारत में किसी भी चुनाव संबंधी परियोजना के लिए USAID से मिलने वाला अनुदान जारी नहीं किया गया है. वोटरों की भागीदारी के लिए 21 मिलियन डॉलर का USAID अनुदान 2022 में बांग्लादेश में आमार वोट आमार (मेरा वोट मेरा है) नामक परियोजना के लिए स्वीकृत हुआ था.
कांग्रेस ने कहा, रिपोर्ट भाजपा के झूठ को उजागर करती है
एक्सप्रेस की रिपोर्ट के हवाले से पवन खेड़ा ने तथ्यों की पुष्टि किये बिना विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हल्ला बोलने के लिए भाजपा को कटघरे में खड़ा किया. भाजपा को राष्ट्र-विरोधी करार देते हुए पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि, सबसे लंबे समय तक विपक्ष में रही भाजपा ने ही कांग्रेस सरकारों को अस्थिर करने के लिए बाहरी ताकतों से सीधी मदद ली है. कांग्रेस ने कहा कि सच सामने आने के बाद सत्तारूढ़ दल को माफी मांगनी चाहिए. कहा कि यूएसएड और अन्य ऐसी विदेशी एजेंसियों द्वारा पिछले 70 वर्षों के दौरान भारत में की गई फंडिंग पर श्वेत पत्र लाया जाना चाहिए.
वाशिंगटन के झूठ को भाजपा की झूठ सेना द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया
पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, एक हफ्ते से एक कहानी चलाई रही है कि यूएसएड ने मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर दिये. पूछा कि अगर इतनी सुरक्षा एजेंसियों के होते हुए भी मोदी सरकार ने भारत में 2.1 करोड़ डॉलर आने दिये तो ये शर्म की बात है, कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने भी खेड़ा की बात का समर्थन किया. कहा कि रिपोर्ट ने भाजपा के झूठ को उजागर कर दिया है. भाजपा से माफ़ी की मांग करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, झूठ सबसे पहले वाशिंगटन में बोला गया. फिर झूठ को भाजपा की झूठ सेना द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया.अब झूठ का पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या झूठे लोग माफी मांगेंगे?
रिपोर्ट में 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया : अमित मालवीय
भाजपा ने इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में प्रकाशित दावों को खारिज किया है. कहा कि रिपोर्ट में 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग के संदर्भ को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है. इसका उद्देश्य भारत में मतदान प्रतिशत को बढ़ावा देना था. भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि एक्सप्रेस की रिपोर्ट में 2012 में एसवाई कुरैशी के नेतृत्व में चुनाव आयोग और इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) की अनदेखी की है.
रिपोर्ट पर त्वरित प्रतिक्रिया कांग्रेस की हताशा दर्शाती है
मालवीय ने कहा कि आईएफईएस अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से जुड़ा हुआ है. सोरोस के संगठन को मुख्य रूप से USAID फंडिंग करता है. मालवीय ने एक्स पर पोस्ट किया रिपोर्ट में 2014 से शुरू होकर भारत की चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से विभिन्न श्रेणियों के तहत की गयी फंडिंग का जिक्र नहीं किया गया है. कहा कि रिपोर्ट पर कांग्रेस की त्वरित प्रतिक्रिया उसकी हताशा को दर्शाती है, जिससे साफ हो गया है कि यूपीए ने भारत के हितों के खिलाफ काम करने वाली ताकतों को भारत के संस्थानों में घुसपैठ करने में मदद की.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी दी प्रतिक्रिया
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मामले में एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, हाल में जो खुलासा हुआ है, मैं उसे देखकर दंग रह गया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने पूरी जिम्मेदारी के साथ खुलासा किया है कि इस देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को नियंत्रित करने, हेरफेर करने की कोशिश की गयी, ताकि हमारी चुनाव प्रणाली बेदाग प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया जा सके. मुझे यकीन है कि यह किसी अधिकारी की ओर से आया है. एक बात सही है, क्योंकि यह तथ्य है. पैसा दिया गया था, और यह राशि छोटी नहीं थी.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस मामले में चाणक्य नीति अपनानी चाहिए, इसकी जड़ में जाना चाहिए. इसे जड़ से नष्ट करना जरूरी है, पता लगाया जाना चाहिए कि वो कौन लोग हैं जिन्होंने इस प्रकार के आक्रमण को स्वीकार किया, हमारे प्रजातान्त्रिक मूल्यों पर कुठाराघात किया. उन ताकतों को नष्ट करना हमारा राष्ट्र धर्म है.
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