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उत्तराखंड : चमोली में बादल फटने से भारी तबाही, कई घर धवस्त, कई लोग लापता, रेस्क्यू जारी

Uttarakhand :  राज्य में एक बार फिर प्रकृति का कहर बनकर टूटा है. यहां चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बुधवार रात को बादल फट गया, जिससे इलाके में भारी तबाही मच गई. कुंतरी लगाफाली वार्ड में आए अचानक सैलाब ने छह मकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया. 

 

वहीं 7 लोग लापता बताए जा रहे हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि दो लोगों को समय रहते सुरक्षित बचा लिया गया है. इधर धुर्मा गांव में भी भारी बारिश से 4-5 मकानों को नुकसान पहुंचा है. हालांकि यहां से कोई जनहानि की सूचना नहीं मिली है. भारी बारिश के कारण मोक्ष नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. 

प्रशासन ने संभाली कमान

घटना की जानकारी मिलते ही राहत और बचाव दल मौके पर पहुंच गया है. वहीं एनडीआरएफ की एक टीम गोचर से रवाना कर दी गई है. प्रशासन की ओर से स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने भी कमान संभाल ली है. घटनास्थल पर मेडिकल टीम और तीन एंबुलेंस भेज दी गई है, ताकि घायलों को तुरंत इलाज मिल सके.

 

देहरादून में अब तक 15 मौतें, 1000 से अधिक का रेस्क्यू

इससे पहले मंगलवार को देहरादून समेत राज्य के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई. नदियों और नालों में अचानक आए उफान ने कई घरों, पुलों और सड़कों को बहा दिया.

 

इस घटना में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 अब भी लापता हैं. राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, करीब 1,000 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. जबकि अन्य प्रभावितों को निकालने का काम जारी है. 

 

सीएम धामी ने दिए पुनर्वास में तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को आपदा की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता सड़कों और बिजली व्यवस्था की शीघ्र बहाली है. उन्होंने बताया कि 85% से अधिक क्षतिग्रस्त बिजली लाइनें दुरुस्त की जा चुकी हैं, शेष मरम्मत अगले एक-दो दिनों में पूरी कर ली जाएगी. धामी ने बताया कि उन्होंने बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के महानिदेशक से संपर्क किया है और नरेन्द्रनगर-टिहरी मार्ग की मरम्मत का कार्य भी जल्द शुरू किया जाएगा. 

 

राज्यभर में 10 से ज्यादा पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में 10 से अधिक सड़कें और पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें कम से कम पांच पुल पूरी तरह बह चुके हैं. सबसे ज्यादा नुकसान सहस्रधारा, प्रेमनगर, मसूरी, नरेन्द्रनगर, पौड़ी, पिथौरागढ़ और नैनीताल क्षेत्रों में हुआ है. राहत एजेंसियां और जिला प्रशासन युद्धस्तर पर बचाव कार्यों में जुटे हैं, लेकिन लगातार बारिश के चलते चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं. 

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