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2017 पदों के लिए निकली वैकेंसी, नौकरी चाहने वाले 3 लाख से ज्यादा

  • बेरोजगारी दूर करने की पहल : नौकरी गिनती की, उम्मीदवार लाखों में, ऑनलाइन भरे जा रहे फॉर्म
  • जेएसएससी सीजीएल :  2017 पदों पर होनी है नियुक्ति, अब तक 3 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी भर चुके हैं फॉर्म
Vinit Abha Upadhyay/ Rajnish Prasad Ranchi : राज्य में करीब दो हजार पदों पर नियुक्ति के लिए अब तक 3 लाख से भी अधिक अभियर्थियों ने आवेदन भरा है. आवेदकों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है. हालांकि अभी तक परीक्षा की तारीख की घोषणा नहीं की गयी है. इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि झारखंड में बेरोजगारी का क्या आलम है.

 संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा लेगी जेएसएससी

बता दें कि झारखंड में करीब 2017 पदों के लिए नियुक्ति होनी है. इसके लिए जेएसएससी संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा लेगी. इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है. मात्र 2017 पदों के लिए निकली वेकेंसी के लिए अब तक 3 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया है. संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा के जरिए सीआई (अंचल निरीक्षक), सहायक प्रशाखा पदाधिकारी, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्लानिंग असिस्टेंट, श्रम परवर्तन पदाधिकारी और कनीय सचिवालय सहायक के पद पर नियुक्ति की जायेगी.

2021 में भी जेएसएसी ने सीजीएल के लिए निकाली थीं रिक्तियां 

जेएसएसी ने इससे पहले  2021 में सीजीएल के लिए रिक्तियां निकाली थीं. पिछले साल हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन सरकार की स्थानीय नीति को रद्द कर दिया था. जिसके बाद जेएसएसी ने सीजीएल समेत 12 विज्ञापनों को रद्द कर दिया था. सीजीएल के लिए फिर रिक्तियां निकाली हैं. इससे पहले जिन लोगों ने 2021 में परीक्षा फोर्म भरा है, उनका इस बार फार्म भरने का शुल्क नहीं लगेगा. उनको पूर्व का रजिस्ट्रेशन नंबर देना होगा.

हर परीक्षा रही विवादित

झारखंड के प्रतियोगिता परीक्षा हमेशा विवादों में रहा है. परीक्षा में नियमावली व भाषा विवाद का अभ्यर्थियों ने आरोप लगाते रहे हैं. अभ्यर्थी आये दिन आंदोलन भी करते रहे हैं. अभ्यर्थी बताते हैं कि इस बार परीक्षा पूर्ण होगी और नियुक्ति मिलेगी इस बात का डर है.

60:40 का विरोध जारी

नियुक्ति नियमावली 60:40 का विरोध जारी है. छात्र संगठन और अभ्यर्थी विज्ञापन आने के बाद लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि 60:40 के स्थान पर 1932 खतियान नीति और  90:10 नियोजन नीति सरकार हर हाल में लागू करे. [wpse_comments_template]

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