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देश में पहले दिन टारगेट से 43 फीसदी पीछे रहा वैक्सीनेशन कार्यक्रम, स्वास्थ्यकर्मियों ने कोवैक्सिन की जगह कोविशील्ड को दी प्राथमिकता

NewDelhi : देश में 16 जनवरी से शुरू हुआ वैक्सीनेशन कार्यक्रम अपने लक्ष्य से 43 फीसदी पीछे रहने की सूचना है. हालांकि इसके पीछे कई वजहें बतायी जा रही है. कहा गया है कि टीकाकरण प्रक्रिया की शुरुआत में देरी और कुछ तकनीकी बड़ी समस्याएं बनकर सामने आयी. जानकारी के अनुसार 16 जनवरी, शनिवार को सरकारी और निजी अस्पतालों में बनाये गये 3352 वैक्सीनेशन सेंटरों पर एक लाख 91 हजार स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी गयी. इसे भी पढ़ें : विदेश">https://lagatar.in/rahul-gandhi-asked-questions-about-us-china-in-foreign-affairs-committee-s-jaishankar-gave-the-answer/18570/">विदेश

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हर केंद्र पर कम से कम 100 लोगों को टीका देने का लक्ष्य था

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हर केंद्र पर कम से कम 100 लोगों को टीका देने का लक्ष्य तय किया गया था. पहले दिन लगभग तीन लाख 35 हजार लोगों को कोरोना का टीका लगना था. पर अलग-अलग समस्याओं के कारण पहले दिन 1,91,181 लाभार्थियों को ही वैक्सीन लगायी जा सकी.  टारगेट की बात करें तो यह सिर्फ 57 फीसदी ही रहा. इसे भी पढ़ें :  शाहनवाज">https://lagatar.in/shahnawaz-hussain-not-delhi-will-now-do-politics-in-bihar-bjp-made-him-mlc-candidate/18541/">शाहनवाज

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लाभार्थियों की लिस्ट अपलोड करने में देर हो रही थी

एक स्वास्थ्य अधिकारी ने वैक्सीनेशन प्रक्रिया में देर की वजह डिजिटल प्लेटफॉर्म की कमियां बतायी. उन्होंने बताया कि टीकाकरण अभियान के लिए मुहैया कराये गये डिजिटल प्लेटफॉर्म में लाभार्थियों की लिस्ट अपलोड करने में काफी देर हो रही थी. अधिकारी के अनुसार शाम 5 बजे तक किसी भी वैक्सीनेशन सेंटर से वैक्सीन के गंभीर असर या किसी लाभार्थी को अस्पताल ले जाने से जुड़ी खबरें नहीं आयी. हालांकि, पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया कि कोलकाता में वैक्सीनेशन के बाद अचेत हुई एक नर्स को अस्पताल ले जाना पड़ा. इसे भी पढ़ें : सुप्रीम">https://lagatar.in/demand-for-farmers-organization-from-supreme-court-members-of-committee-made-on-agricultural-laws-should-be-changed/18514/">सुप्रीम

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 स्वास्थ्यकर्मियों ने कोवैक्सिन की जगह कोविशील्ड को प्राथमिकता दी

बता दें कि देशभर के कई अस्पतालों में कोविशील्ड के साथ कोवैक्सीन की डोज भी भेजी गयी थी.  इसके चलते भी वैक्सीनेशन में कमी देखी गयी.  दरअसल, कुछ जगहों पर स्वास्थ्यकर्मियों ने कम रिसर्च वाली कोवैक्सिन की जगह कोविशील्ड को ही प्राथमिकता दी. कुछ अस्पतालों में कोविशील्ड नहीं रहने  से स्वास्थ्यकर्मियों ने टीका ही नहीं लगवाया. AIIMS के एक डॉक्टर ने बताया कि उनके कुछ साथियों ने वैक्सीन नहीं लगवायी. इसके बाद कुछ अन्य हेल्थकेयर वर्कर्स, जिनका नाम लिस्ट में नहीं था, उन्हें वैक्सीन लगाई गयी. इसके चलते भी वैक्सीनेशन प्रक्रिया में देरी हुई.   जानकारी के अनुसार दिल्ली में पहले दिन 8117 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगने थे, पर शाम 5 बजे तक कुल 4319 लोगों को ही वैक्सीन लग सकी.
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