Ranchi : झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की गुरुवार रांची में बैठक हुई. इसमें आंदोलन के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की गयी. 27% आरक्षण, बजरा ग्राम के मूल रैयतों की लूटी गयी जमीन वापसी आदि मुद्दों पर चर्चा की गयी. बैठक में कहा गया कि अगर सरकार मांगों पर कुछ नहीं करती, तो समिति फिर से आंदोलन करेगी. अपनी मांगों के लिए 30 सितंबर तक जिलों में सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. 2 अक्टूबर, गांधी जयंती को संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाएगा. 20 अक्टूबर को रांची में स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया जाएगा. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहु ने की और संचालन प्रधान महासचिव बिरेन्द्र कुमार ने किया.
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विधानसभा सत्र में 27% आरक्षण मामले पर उठानी चाहिए आवाज
बैठक में प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि पिछड़े वर्ग से आने वाले सभी विधायकों को 3 सितंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में 27% आरक्षण देने की बात को उठानी चाहिए. इसके साथ ही मूल रैयतों की जमीन लूट, कोरोना काल में व्यवसायियों और आम लोगों की मुआवजा देने पर भी चर्चा करनी चाहिए. वहीं आगे अवसर पर संगठन विस्तार भी किया गया. कांके के हृदय प्रसाद साहु और ओरमांझी के राजधाम साहु को केंद्रीय संगठन सचिव और मुरहू के राजकुमार महतो को खूंटी का जिला अध्यक्ष बनाया गया.
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सरकार को समिति की मांगों पर फैसला लेने की कही बात
मौके पर पूर्व में हुए धरना-प्रदर्शन की समीक्षा भी की गयी. उन्होंने कहा कि प्रशासन और सरकार को वैश्य समाज की समस्याओं और भावनाओं को समझना चाहिए. ओबीसी को 27% आरक्षण, बजरा ग्राम के मूल रैयतों की लूटी गयी जमीन वापसी, छोटे व्यवसायियों की 10 लाख रुपये तक की ऋण माफी और कोरोना में जान गंवाने वाले परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा करनी चाहिए.
बैठक में मुख्य रूप से कार्यकारी अध्यक्ष हीरानाथ साहु, वरीय उपाध्यक्ष मोहन साव, संजीव चौधरी, उप-प्रधान महासचिव उपेन्द्र प्रसाद साहु, केंद्रीय सचिव लक्ष्मण साहु, केंद्रीय संगठन सचिव अनिल वैश्य, मीडिया प्रभारी राहुल कुमार साहु, महिला मोर्चा की महासचिव रेणु देवी सहित अन्य लोग उपस्थित थे.