alt="" width="272" height="163" /> इस अवसर पर ईएसएल स्टील लिमिटेड के उप निदेशक (केंद्रीय इंजीनियरिंग) दुर्गा प्रसन्ना पांडा, बोकारो जिला तीरंदाजी संघ की सचिव अंजला सिंह, स्थानीय प्रतिनिधि सरपंच रफीक आलम और पंचायत समिति सदस्य पशुपति महतो भी मौजूद रहे. समारोह के दौरान अकादमी में प्रशिक्षण लेने वाले सभी 50 बच्चों को नई यूनिफॉर्म, जूते और तीरंदाजी गियर की किट दी गई. यह वेदांता ईएसएल की ग्रामीण प्रतिभाओं को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ईएसएल स्टील लिमिटेड के सीएसआर प्रमुख श्री कुणाल दरिपा ने कहा, “हम मानते हैं कि खेल जीवन बदल सकते हैं। यह कार्यक्रम हमारे युवा खिलाड़ियों और कोचों की मेहनत का सम्मान है. हम आगे भी ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच देने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे. यह अकादमी ईएसएल स्टील लिमिटेड की एक सीएसआर पहल है, जो 2020 में शुरू की गई थी. सियालजोरी स्थित ईएसएल स्टील प्लांट परिसर में बनी यह अकादमी 9, 14, 17 और 21 वर्ष तक की उम्र के 50 बच्चों को तीरंदाजी की ट्रेनिंग देती है. यहां खिलाड़ियों को कोचिंग, पोषण, जरूरी उपकरण और अच्छा माहौल दिया जाता है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके.
वेदांता ESL तीरंदाजी अकादमी ने युवा तीरंदाजों और सभी कोच को किया सम्मानित

Bokaro: वेदांता ईएसएल की ओर से चलाई जा रही ईएसएल तीरंदाजी अकादमी ने सियालजोरी में सम्मान समारोह आयोजित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवा तीरंदाजों और उनके सभी कोच को सम्मानित किया. इस मौके पर उन खिलाड़ियों को सम्मान मिला जिन्होंने बीते सभी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया है. अकादमी की शुरुआत 2020 में हुई थी और तब से अब तक इसके खिलाड़ियों ने 190 से ज्यादा पदक जीते हैं. हाल ही में हुई 15वीं झारखंड राज्य तीरंदाजी चैंपियनशिप 2023 में भी अकादमी के खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. सम्मान पाने वाले प्रमुख खिलाड़ियों में चितरंजन टुडू (1 स्वर्ण), बानी कुमारी और तन्नू कुमारी (2 स्वर्ण), सत्यमी कुमारी और सुहाना परवीन जैसे नाम शामिल हैं. वहीं कृतिका कुमारी को लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए एक विशेष रिकर्व धनुष दिया गया. इस कार्यक्रम में अकादमी के सभी कोच- बुदेश्वर मुर्मू (मुख्य कोच), संजू कुमारी (सहायक कोच) और एसपी घोष (शारीरिक कोच) को भी उनके सहयोग और मार्गदर्शन के लिए सम्मानित किया गया.
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alt="" width="272" height="163" /> इस अवसर पर ईएसएल स्टील लिमिटेड के उप निदेशक (केंद्रीय इंजीनियरिंग) दुर्गा प्रसन्ना पांडा, बोकारो जिला तीरंदाजी संघ की सचिव अंजला सिंह, स्थानीय प्रतिनिधि सरपंच रफीक आलम और पंचायत समिति सदस्य पशुपति महतो भी मौजूद रहे. समारोह के दौरान अकादमी में प्रशिक्षण लेने वाले सभी 50 बच्चों को नई यूनिफॉर्म, जूते और तीरंदाजी गियर की किट दी गई. यह वेदांता ईएसएल की ग्रामीण प्रतिभाओं को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ईएसएल स्टील लिमिटेड के सीएसआर प्रमुख श्री कुणाल दरिपा ने कहा, “हम मानते हैं कि खेल जीवन बदल सकते हैं। यह कार्यक्रम हमारे युवा खिलाड़ियों और कोचों की मेहनत का सम्मान है. हम आगे भी ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच देने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे. यह अकादमी ईएसएल स्टील लिमिटेड की एक सीएसआर पहल है, जो 2020 में शुरू की गई थी. सियालजोरी स्थित ईएसएल स्टील प्लांट परिसर में बनी यह अकादमी 9, 14, 17 और 21 वर्ष तक की उम्र के 50 बच्चों को तीरंदाजी की ट्रेनिंग देती है. यहां खिलाड़ियों को कोचिंग, पोषण, जरूरी उपकरण और अच्छा माहौल दिया जाता है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके.
alt="" width="272" height="163" /> इस अवसर पर ईएसएल स्टील लिमिटेड के उप निदेशक (केंद्रीय इंजीनियरिंग) दुर्गा प्रसन्ना पांडा, बोकारो जिला तीरंदाजी संघ की सचिव अंजला सिंह, स्थानीय प्रतिनिधि सरपंच रफीक आलम और पंचायत समिति सदस्य पशुपति महतो भी मौजूद रहे. समारोह के दौरान अकादमी में प्रशिक्षण लेने वाले सभी 50 बच्चों को नई यूनिफॉर्म, जूते और तीरंदाजी गियर की किट दी गई. यह वेदांता ईएसएल की ग्रामीण प्रतिभाओं को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ईएसएल स्टील लिमिटेड के सीएसआर प्रमुख श्री कुणाल दरिपा ने कहा, “हम मानते हैं कि खेल जीवन बदल सकते हैं। यह कार्यक्रम हमारे युवा खिलाड़ियों और कोचों की मेहनत का सम्मान है. हम आगे भी ग्रामीण प्रतिभाओं को मंच देने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे. यह अकादमी ईएसएल स्टील लिमिटेड की एक सीएसआर पहल है, जो 2020 में शुरू की गई थी. सियालजोरी स्थित ईएसएल स्टील प्लांट परिसर में बनी यह अकादमी 9, 14, 17 और 21 वर्ष तक की उम्र के 50 बच्चों को तीरंदाजी की ट्रेनिंग देती है. यहां खिलाड़ियों को कोचिंग, पोषण, जरूरी उपकरण और अच्छा माहौल दिया जाता है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके.
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