- गाड़ियों ने 20-25 किलोमीटर की दूरी 11, 14 और 41 सेकंड में तय की.
- 5 गाड़ियों ने तो 105-299 किलोमीटर तक की दूरी 19 मिनट, छह मिनट और दो घंटे में तय कर ली.
Ranchi: झारखंड में स्टोन चिप्स ढ़ोने वाली गाड़ियां रॉकेट की रफ्तार से चल रही है. 20-25 किलोमीटर की दूरी तक स्टोन चिप्स की ढुलाई के लिए एक गाड़ी के लिए 11-14 सेकंड के अंतराल पर चालान जारी किया जा रहा है. सालों पहले जानवरों के लिए चारा ढ़ोने वाले वाहन भी इसी रफ्तार से दौड़ा था. जिसे बाद में चारा घोटाला के रुप में जाना गया.
धर्मकांटा (Weighbridge) के मापतौल के ब्योरे के मुकाबले JIMMS (Jharkhand Integrated Mines and Mineral Management System) पोर्टल पर सिर्फ 14.5% गाड़ियों का चालान मिल रहा है. साथ ही 65% स्टोन चिप्स की ढुलाई का ब्योरा नहीं मिल रहा है. महालेखाकार ने खनिज और खनिजों की ढुलाई की स्थिति का आकलन करने के लिए सिर्फ चार जिलों (चतरा, धनबाद, पाकुड़, पलामू) में नमूना जांच के दौरान इस तरह की गड़बड़ी पायी है.
महालेखाकार ने इन चार जिलों में स्टोन चिप्स ढ़ोने में लगी 28 गाड़ियों का ब्योरा JIMMS पोर्टल से लिया. इस ब्योरे की गहन जांच मे पाया गया कि इन गाड़ियो के सहारे स्टोन चिप्स की ढुलाई के लिए पहले 35 चालान जारी किये गये थे. इन चालानों की अवधि समाप्त होने से पहले ही इन्हीं गाड़ियों के लिए अतिरिक्त 50 चालान जारी किया गया. इन गाड़ियों के लिए दूसरा चालान 11 सेकंड, 14 सेकंड और 41 सेकंड के अंतराल पर जारी किया गया.
जिन गाड़ियों के दूसरा चालान जारी किया गया, उन गाड़ियों ने 20-25 किलोमीटर की दूरी 11, 14 और 41 सेकंड में तय की. यह किसी भी कीमत पर संभव नहीं है. सिर्फ इतनी ही नहीं पांच गाड़ियां तो ऐसी पायी गयी जो एक ही समय में अलग अलग रास्ते से अलग अलग जगहों पर जा रही थीं. इन गाड़ियों ने तो 105-299 किलोमीटर तक की दूरी 19 मिनट, छह मिनट और दो घंटे में तय कर ली.
महालेखाकार ने इन गड़बड़ियों के लिए खनिजों की ढुलाई और उस पर नियंत्रण बनाये रखने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन बताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि Jharkhand (prevention of illegal mining, transportation and storage) Rule 2017 के तहत हर डीलर और लीजधारक को खनिजों की ढुलाई करने वाली गाड़ियों को JIMMS पोर्टल पर निबंधित करना है. निबंधन के साथ ही इन गाड़ियों को GPS सिस्टम और RFID (Radio-Frequency Identification) से लैस करना है, ताकि उनकी गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई.
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