New Delhi : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के महामंत्री मिलिंद परांडे ने मंगलवार को कहा कि अब हिंदुओं के लिए अपशब्द का इस्तेमाल कर देश की राजनीति में कोई सफल नहीं हो सकता, क्योंकि राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद समाज का सबसे बड़ा यह वर्ग जागृत हुआ है और राजनीति के केंद्र बिन्दु में आ गया है. दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के सम्मेलन कक्ष में देश भर के मंदिरों को एक मंच पर लाने के प्रयास के तहत आरंभ किये गये जानें अपने मंदिर... नामक एक उपक्रम के शुभारंभ के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में परांडे ने यह बात कही.
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करोड़ों लोगों को खुद को हिंदू कहने में शर्म आती थी
उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन से पहले देश के करोड़ों लोगों को खुद को हिंदू कहने में शर्म आती थी, लेकिन इस आंदोलन की ही देन है कि आज समाज के करोड़ों लोग खुद को हिंदू कहने में गर्व की अनुभूति करते हैं. उन्होंने कहा, ‘यह मंदिरों का महत्व है. राम जन्मभूमि आंदोलन के पहले इस देश में हिंदू को भी गाली देकर देश में सफल राजनीति की जा सकती थी, लेकिन राम मंदिर आंदोलन ने यह बदल दिया. आज राम जन्मभूमि आंदोलन का परिणाम है कि हिंदू को गाली देकर कोई राजनीति में सफल नहीं हो सकता है. हिंदू जागृत हुआ है और वह केंद्र बिन्दु बना है.
हम इतिहास से कुछ सीखेंगे नहीं तो हमारा भूगोल भी बदल जायेगा
मुगलों से लेकर अंग्रेजों के जमाने तक देश में मंदिरों को तोड़े जाने की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में देश में एक समाज का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि देश में एक भी मंदिर न टूटे. उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास का स्मरण करना अच्छी बात है, लेकिन अगर हम इतिहास से कुछ सीखेंगे नहीं तो हमारा भूगोल भी बदल जायेगा और इसके बारे में हमें बहुत गंभीरता से सोचना होगा. मंदिरों पर सरकारों के नियंत्रण का मुद्दा उठाते हुए परांडे ने इसे हिंदू समाज के साथ पक्षपात करार दिया और दावा किया कि देश में एक भी चर्च या मस्जिद सरकारी नियंत्रण में नहीं है. उन्होंने कहा, हिंदू समाज को इसके बारे में सोचना ही चाहिए.
अंग्रेजों के बाद वामपंथियों ने सनातन धर्म को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया
इस अवसर पर त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य विप्लब देब ने कहा कि मुगलों और अंग्रेजों के बाद वामपंथियों ने सनातन धर्म को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा, ‘‘जिसने भी सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, वे सभी खत्म हो गये और यही हाल वामपंथियों का हुआ है.अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद स्वामी ने मंदिरों की अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डाला और दावा किया कि देश की दो लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था सिर्फ मंदिरों से ही है. उन्होंने कहा कि देश भर के मंदिरों से 35 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है. इस अवसर पर अर्जुन पुरस्कार विजेता पहलवान बबीता फोगाट भी मौजूद थीं. [wpse_comments_template]
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