Patna : बिहार के मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मोहम्मद कुद्दुस ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कुलाधिपति सह राज्यपाल को अपना इस्तीफा भेजा है. राजभवन को भेजे गये मेल में उन्होंने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया है. उत्तर पुस्तिका खरीद एवं सुरक्षा एजेंसी की नियुक्ति के मामले में वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप समेत कई अन्य गंभीर आरोप प्रो. कुद्दुस ने विवि के तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह पर लगाया था.
मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था
कुद्दुस ने 22 अगस्त 2021 को कुलपति का कार्यभार संभाला था. उसके बाद से ही वे वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर कर रहे थे. विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का मामला उजागर करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा था. प्रोफेसर कुद्दुस के पत्र को मुख्यमंत्री ने राजभवन भेज दिया था और जांच कराने का आग्रह किया था. इस पत्र को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. प्रो कुद्दुस ने अरबी फारसी विश्वविद्यालय के रहे प्रभारी कुलपति प्रो. एसपी सिंह के कई निर्णय पर सवाल उठाये थे. उत्तर पुस्तिका की खरीद से लेकर सुरक्षा गार्ड एजेंसी को अधिक भुगतान मामले को उठाकर सुर्खियों में आ गये थे. लेकिन अचानक प्रो कुद्दुस के इस्तीफे से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. कुद्दुस ने करोड़ों रुपये के वित्तीय घोटाले का जिक्र करते हुए कुलाधिपति और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था.
एजाज अहमद पर आरोप लगाया था
पूर्ववर्ती कुलपति मोहम्मद एजाज अहमद पर उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्होंने बिना वित्तीय स्वीकृति के विश्वविद्यालय में 40 लोगों को नौकरी पर रख लिया. इसके साथ ही उन्होंने राशि को भी डायवर्ट कर वेतन मद में छह करोड़ रुपये निकालने का काम किया है. वहीं छह प्रतिशत अधिक देकर कुलपति ने ऑउटसोर्सिंग पर गार्ड रख लिये. कॉपी की छपाई की कीमत भी 07 रुपया से बढ़ाकर 16 रुपया कर दिया. ऐसे कई आरोप उन्होंने लगाये थे.
प्रो. कुद्दुस के खिलाफ मानहानि का दावा किया था
गौरतलब है कि मिथिला विवि के कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने एमएम हक अरबी-फारसी विवि के कुलपति प्रो. कुद्दुस के खिलाफ मानहानि का दावा कर दिया था. प्रो सिंह के वकील ने प्रो. कुद्दुस को 5.10 करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा था. वहीं प्रो. कुद्दुस ने आरोप लगाया था कि सारे मामले सामने आने के बाद भी भ्रष्टाचारियों पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है. प्रो एसपी सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए प्रो. कुद्दुस को 5.10 करोड़ रुपये के मानहानि का नोटिस भेजा था.
इसे भी पढ़ें – चतरा : बैंक ऑफ इंडिया की सिमरिया शाखा में 50 लाख रुपये का घोटाला