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कल से विधानसभा का शीतकालीन सत्र, JPSC, JSSC, पंचायत चुनाव पर हंगामे के आसार

Ranchi: कल यानि 16 दिसंबर से शुरू हो रहे झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जोरदार हंगामे के आसार हैं. बीजेपी ने स्पीकर की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल न होकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है. वैसे तो बीजेपी ने विधानसभा में सरकार को घेरने के लिए दर्जनों मुद्दे अपने पास रखा है. लेकिन कुछ खास मुद्दे हैं, जो इस बार विधानसभा में जोरदार तरीके से उठाये जाएंगे. इस बार जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी के मामले पर सदन के अंदर जोरदार हंगामे के आसार हैं. बीजेपी इसे लेकर लगातार सरकार और आयोग पर हमलावर है. वहीं इसी सत्र में एंटी मॉब लिंचिंग बिल को भी सरकार सदन में लाकर पास करा सकती है. इसे भी पढ़ें -GOOD">https://lagatar.in/good-news-center-gives-permission-for-admission-in-3-medical-colleges-jharkhand/">GOOD

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नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर भी होगा हंगामा

इसके अलावा जेएसएससी नियुक्ति परीक्षा नियमावली में भाषा विवाद और पंचायत चुनाव नहीं कराने का मामला भी गर्म रहेगा. वहीं बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिये जाने का भी मामला उठेगा. बीजेपी लगातार इन मुद्दों को उठा रही है. पिछली बार की तरह इस बार भी विधानसभा में नमाज कक्ष को लेकर विपक्ष सरकार को घेरेगा. बीजेपी इन तमाम मुद्दों को सदन में जोरदार तरीके से उठाने और सरकार को घेरने की अंतिम रणनीति विधायक दल की बैठक में बनाएगी. विधायक दल की बैठक में तय होगा कि कौन विधायक किस मुद्दे को उठायेंगे और बाकी सदस्य उन्हें कैसे सपोर्ट करेंगे.

5 कार्यदिवस में विपक्ष लेकर पहुंचेगा सैकड़ों सवाल

16 दिसंबर से 22 दिसंबर तक चलने वाले मॉनसून सत्र में सिर्फ 5 कार्यदिवस हैं. सरकार जहां विपक्ष के सवालों और हंगामे के बीच इस छोटे सत्र में सभी विधेयक और अन्य विधायी कार्यों को निपटाने की कोशिश करेगी. वहीं बीजेपी भी सरकार से जनहित से जुड़े तमाम मुद्दों पर जवाब मांगेगी. संसद के शीतकालीन सत्र में जिस तरह झारखंड के बीजेपी सांसदों ने इस बार राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवाल उठाये हैं, वैसे ही विधानसभा सत्र में बीजेपी के विधायकों ने भी सवालों की लिस्ट बना ली है.

सदन में लाया जा सकता है एंटी-लिंचिंग बिल

एंटी-लिंचिंग बिल इस बार विधानसभा में पेश किया जाने वाला महत्वपूर्ण विधेयक हो सकता है. अगर विधानसभा से यह विधायेक पास हो जाता है तो पश्चिम बंगाल के बाद झारखंड ऐसा दूसरा प्रदेश बन जाएगा, जहां मॉब लिंचिंग में मौत होने पर डेथ पेनाल्टी का प्रावधान होगा. ड्राफ्ट के मुताबिक, यदि लिंचिंग की घटना में किसी को चोट आती है तो इस मामले में दोषी को 3 साल की जेल की सजा हो सकती है, इसके साथ ही 1 से 3 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. गंभीर चोट आने की स्थिति में दोषी को 10 वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सजा दी सकती है और अगर इस तरह की घटना में किसी की मौत हो जाती है तो दोषी को उम्रकैद से लेकर मौत तक की सजा दी जा सकेगी. इसके अलावा 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. अगर सदन में यह विधेयक आता है तो बीजेपी इसके कुछ त्रुटिपूर्ण बिंदुओं पर भी सवाल उठाते हुए हंगामा कर सकती है. इसे भी पढ़ें –JPSC">https://lagatar.in/jpsc-candidates-moving-ahead-by-forming-human-chain-women-at-the-fore-will-surround-cms-residence/">JPSC

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