![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/WEB-BANNER-021.jpg)
- भुसाई के ग्रामीण भारत माता का कर्ज अदा करने और फर्ज निभानेवालों को ही मानते हैं जिम्मेवार नागरिक
- यहां रग-रग में बहता है राष्ट्रप्रेम का जज्बा, घर-घर के युवा सरहद पर मर-मिटने को तैयार
Gaurav Prakash
Hazaribagh : हजारीबाग का एक छोटा सा गांव भुसाई पूरे देश में राष्ट्रप्रेम की मिसाल कायम कर रहा है. हजारीबाग जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर इचाक प्रखंड में है. इस गांव की सड़कों और घरों में सन्नाटा पसरा रहता है, क्योंकि यहां के युवक सरहद एवं विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों में अपनी सेवा दे रहे हैं. लगभग 80 घरों की यह बस्ती, जिसमें 150 से अधिक युवक फौज एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. गांव के लोग कहते हैं कि हमारे पूर्वज इस देश को आजाद कराने में अपना घर परिवार सब कुछ बलिदान कर दिया. ऐसे में ग्रामीण मानते हैं कि देश की सुरक्षा करना पहली जिम्मेवारी है. इस कारण गांव के अधिकांश युवक सीमा सुरक्षा में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं जो युवक फौज में नहीं जा पाए, वह सीआरपीएफ, झारखंड पुलिस या फिर अन्य राज्यों में सुरक्षा देने का काम कर रहे हैं.
गांव के युवक अभिनव सिंह बताते हैं कि इन लोगों का गांव फौजियों का गांव है. गांव के भाई, चाचा सब सुरक्षा में अपना अहम योगदान दे रहे हैं. इन लोगों की भी इच्छा है कि हम भी देश सुरक्षा में अपनी भूमिका निभाएं. इस कारण ये लोग सुबह-शाम तैयारी भी करते हैं. गांव में एक मैदान है, जहां हरदम कोई न कोई युवक तैयारी करते हुए दिख जाएगा. कोई दौड़ते हुए, तो कोई एक्सरसाइज करते हुए दिखते हैं.
युवक रोहित कुमार सिंह बताते हैं कि यहां के हर एक युवा की रगों में देशभक्ति का खून बहता है. इस कारण फौज एवं विभिन्न सुरक्षा एजेंसी में जाने की तैयारी करते हैं. बहुत कम ही ऐसे युवक हैं जो दूसरी नौकरी के लिए प्रयास करते हैं. कुछ ऐसे भी युवक हैं, जो लोगों को फौज में जाने की तैयारियों का टिप्स देते हैं. कुछ रिटायर्ड फौजी हैं, उनसे भी ग्रामीणों को जानकारी मिलती है कि परीक्षा की तैयारी कैसे करनी है.
इस गांव के एक युवक ने फौज में जाने का प्रयास किया. लेकिन लंबाई कम होने के कारण उनका सलेक्शन नहीं हो पाया. ऐसे में अब वे गांव के अन्य युवकों को ट्रेनिंग देते हैं. सुबह शाम युवकों को मैदान में बुलाया जाता है और फिर कैसे खुद को फिट रखें, ऊंची कूद, लंबी कूद, दौड़ समेत अन्य विधाओं की जानकारी देते हैं. यही नहीं जब लड़कों को ट्रेनिंग दी जाती है, उस वक्त भी देश भक्ति गीत अन्य युवक गुनगुनाते हैं ताकि उत्साह में कमी ना हो.
इसे भी पढ़ें : झारखंड: आईजी प्रभात कुमार समेत 17 पुलिस अफसरों-जवानों को मिलेगा पदक
![](https://lagatar.in/wp-content/uploads/2024/07/neta.jpg)
Leave a Reply