Chatra: ट्रांसपोर्टिंग और आम सड़क को अलग करने की मांग को लेकर टंडवा के 15 गांव के ग्रामीणों ने मंगलवार को समाहरणालय का घेराव किया. प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय प्रशासन से टंडवा में नो एंट्री लागू करने तथा कोल ट्रांसपोर्टिंग को पब्लिक रूट से नहीं किए जाने की अपील की. इस दौरान ग्रामीणों ने अपने मुद्दों को लेकर नारेबाजी की और प्रशासन पर जनता की उपेक्षा का आरोप लगाया. उनका कहना है कि कोल ट्रांसपोर्टिंग गतिविधियों के कारण आम लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. आए दिन कोल वाहनों की चपेट में आकर निर्दोष ग्रामीण मौत के मुंह में समा रहे हैं.
उनका कहना है कि टंडवा वासियों के सिर पर हमेशा मौत का खतरा मंडराता रहता है. काल के रूप में कोल वाहनों की रफ्तार से टंडवा क्षेत्र के ग्रामीणों की रुह कांपती रहती है. पता नहीं इन कोल वाहनों की रफ्तार के कहर से कब किसकी मौत हो जाए, इसकी इसकी चिंता में दिन और रात गुजर रहे हैं. हमें अपने बच्चों को भय के साए में स्कूल भेजना पड़ता है. ऐसी विकट परिस्थिति में टंडवा वासियों की चिंता प्रशासन को करनी चाहिए हम यही अपील करने आए हैं कि टंडवा में कोल ट्रांसपोर्टिंग को पब्लिक रूट से अलग किया जाए तथा टंडवा में नो एंट्री लगाई जाए.
एसडीओ ने दिया मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन
मौके पर चतरा एसडीओ पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा. एसडीओ ने सभी लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से वापस जाने की अपील की. ग्रामीणों ने प्रशासन के आश्वासन पर थोड़ी राहत महसूस की, लेकिन उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं हुआ, तो वे फिर से सड़कों पर उतरेंगे. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अबकी बार अगर सड़क पर उतरे तो तब तक नहीं वापस जाएंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमारी सुरक्षा और सुविधा सबसे पहले है. हमें उम्मीद है कि प्रशासन हमारी समस्याओं को गंभीरता पूर्वक समझ कर स्थायी समाधान निकलेगा. इस दौरान ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर जमकर हमला बोला कहा कि मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं.
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