Chatra: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सरकार व नेताओं द्वारा किये गए वादाें को पूरा नहीं करने पर ग्रामीणों ने वोट के बहिष्कार का ऐलान करना शुरू कर दिया है. लावालौंग प्रखंड के कोलकोले पंचायतवासियों ने गांव में बिजली बहाल कराने की मांग को लेकर जिला प्रशासन, मंत्री, सांसद व विधायक के प्रति नाराज दिखे. ग्रामीणों की मांग है कि इस बार विधानसभा चुनाव से पूर्व गांव में बिजली कार्य को दुरुस्त कर गांव में बिजली बहाल नहीं की गई तो कोलकोले पंचायत के मतदाता इस बार वोट का बहिष्कार करेंगे. बिजली की गांव में बहाली को लेकर उपायुक्त, बिजली विभाग के कर्मी, विधायक, मंत्री को अवगत करा चुके हैं. कई बार आवेदन भी दे चुके हैं. इससे नाराज ग्रामीणों ने गांव से निकल कर मुख्य सड़क पर पहुंच कर बिजली नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया है. इस विरोध प्रदर्शन में चुकरु, कोलकोले कला, बेहराडीह, कोलकोले खुर्द, राजपुर गांव के लोग शामिल रहे. बता दें कि पंचायत में कुल 6879 मतदाता हैं जिनमें महिला 2600 व पुरुष 4279 हैं.
नेता चुनाव के वक्त भरोसा दिलाकर जाते हैंः वसीम
मो. वसीम ने कहा कि नेता चुनाव के वक्त हम सबको भरोसा दिलाकर जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद गांव की समस्या को देखना तो दूर की बात, सुनते तक नहीं है. गांव में बिजली बहाल कराने की मांग को लेकर कई बार बोल चुके हैं. बस आश्वासन मिलता है. इस बार गांव में किसी भी नेता को घुसने नहीं देंगे. वहीं राकेश कुमार ने कहा कि गांव में दो साल से बिजली नहीं है. कुंदा पॉवर सबस्टेशन से कोलकोले पंचायत को जोड़ा गया, लेकिन मामूली रिपेयरिंग के अभाव में कोलकोले गांव के लोगों को बिजली नहीं मिल रही है. जब तक गांव में बिजली नहीं मिलेगी तब तक हमलोगों ने वोट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.
वहीं सकीदा खातून ने कहा कि उम्र के अंतिम पड़ाव में जा पहुंचे हैं. इसके बावजूद गांव में बिजली की समस्या जस की तस बनी है. 30 वर्ष से वोट दे रहे हैं, लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ. नेता का वादा भी फेल हो चुका है. गांव में बिजली नहीं मिलने से बच्चे की पढ़ाई, सिंचाई समेत अन्य जरूरत के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. जब तक बिजली नहीं मिलेगी वोट नहीं करेंगे और न पंचायत के लोगों को करने देंगे.
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