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Nawaj Khan
Lohardaga: जिले के कुड़ू ,कैरो और भंडरा प्रखंड क्षेत्र में विगत 20 दिनों से गजराजों का आतंक जारी है. लेकिन वन विभाग की टीम अब-तक जंगली हाथियों के झुंड को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने में फिसड्डी साबित हुई है. अपने परिवार से बिछड़ा यह विशाल हाथी अपने परिवार से अलग होने का गुस्सा प्रखंड क्षेत्र के गरीब असहाय ग्रामीणों को भारी आर्थिक क्षति पहुंचा रहा है और घर से बेघर कर डाला है. बता दें कि जंगली हाथियों के झुंड ने प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में दो दर्जन घरों को तोड़ने के बाद लाधुप पंचायत के दूधीमाटी टोला, पथलाही गांव में तांडव मचाते हुए पथलाही निवासी पैरवा देवी का चार बोरा मकई धान को चट कर डाला. साथ ही दिनेश गंझु के घर को पूरी तरह से तहस-नहस कर सात बोरा धान को खा गया. इसी तरह सुधू गंझू के घर को भी ध्वस्त किया और घर में रखे अनाज मक्का चावल गेहूं को भी खा गया. घर में रखे हुए अन्य सामानों को भी बर्बाद कर दिया.
वहीं रूद हरगड़ा निवासी डेबिट कुजूर का और गोली में अजय यादव घर के घर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. सबसे बड़ी बात यह है कि एक ओर हाथी के झुंड तो दूसरी तरफ इस अकेले हाथी के तांडव से क्षेत्रवासी परेशान हैं. बावजूद वन विभाग हाथियों के झुंड को भगाने में नाकाम साबित हो रही है. यहां पर कुड़ू प्रखंड क्षेत्रवासियों को अपना घर और घरों में रखे अनाज, संपति सबकुछ तबाह होने के बाद भी इन्हें चैन की नींद नसीब नही हो पा रही है. लोग गजराजों के खौफ से सपरिवार खुले आसमान में रतजग्गा करने को विवश हैं. इस संदर्भ में प्रखंड क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि इस बेलगाम हाथी का जल्द कुछ विकल्प नहीं किया गया तो सूदूरवर्ती जंगली क्षेत्र के लोग बेघर होकर पलायन करना होगा.
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