Ranchi: विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने अपने प्रभारी कुलपति दिनेश कुमार सिंह द्वारा की गयी गड़बड़ियों से संबंधित रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी है. इसमें मैनपावर सप्लाई का टेंडर प्रकाशित करवाने और बिना नंबर की फाईल खोल कर करीब 2.00 करोड़ रुपये की लागत से गेस्ट हाउस के Renovation और Furnishing का काम कराने की कोशिश करने का उल्लेख किया गया है.
विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल को भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि दिनेश कुमार सिंह ने प्रभारी कुलपति रहने के दौरान फोन पर मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनी के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया. इस आदेश के आलोक में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया.
जांच के बाद समिति के दो सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट में EPF, ESIC और GST के भुगतान में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं पाये जाने का उल्लेख किया. तीसरे सदस्य ने मैनपावर स्पालई करने वाली कंपनी द्वारा एक कर्मचारी को दो स्थानों पर काम देने का उल्लेख किया.
समिति द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद प्रभारी कुलपति ने कुल सचिव को अपने आवास पर बुला कर मैन पावर सप्लाई करने वाली एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने का प्रस्ताव तैयार करवाया. कुल सचिव ने उन्हें यह जानकारी दी कि इस प्रस्ताव पर राज्यपाल, वित्त समिति की सहमति आवश्यक है. इन बातों की जानकारी मिलने के बावजूद प्रभारी कुलपति ने बिना नंबर की फाईल खोल कर मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश लिखा.
ब्लैक लिस्ट करने से संबंधित अधिसूचना प्रारूप अनुमोदित नहीं होने की वजह से कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश जारी नहीं किया गया है. इसके बावजूद प्रभारी कुलपति ने वित्तीय सहमति लिये बिना ही कुलसचिव के आदेश देकर मैनपावर सप्लाई के लिए जेम पोर्टल पर टेंडर प्रकाशित करवा दिया. विश्वविद्यालय के नये कुलपति ने पद संभालने के बाद इसमें अनियमितता पाते हुए जेम पोर्टल पर प्रकाशित किये गये टेंडर को रद्द कर दिया.
विनोबा भावे विश्वविद्यालय की ओर भेजी गयी रिपोर्ट में कहा गया कि अप्रैल में प्रभारी कुलपति ने गेस्ट हाउस के Renovation और Furnishing के लिए एक नयी फाईल खोली. इस नयी फाईल के सहारे उन्होंने करीब 2.00 करोड़ रुपये की लागत से Renovation और Furnishing का प्रस्ताव तैयार कर वित्तीय सहमति के लिए भेजी. इस संचिका पर विचार के दौरान वित्तीय सलाहकार ने Renovation और Furnishing की नयी फाईल के साथ पुरानी फाइल की मांग की. इसके बाद करीब 2.00 करोड़ रुपये की लागत पर Renovation और Furnishing के प्रस्ताव से संबंधित फाईल वित्तीय सलाह के लिए नहीं भेजी गयी.
हालांकि बाद में वित्त समिति की बैठक में फिर से सुंदरीकरण के नाम पर 45 लाख रुपये से अधिक का प्रस्ताव पेश किया. वित्त सलाहकार द्वारा इस पर आपत्ति की गयी. वित्त सलाहकार ने समिति की बैठक की कार्यवाही में भी अपनी लिखित आपत्ती दर्ज की है.
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