- रिम्स नेत्र विभाग के ओपीडी में हर दिन पहुंच रहे 10 से 15 मरीज
- अगस्त के पहले सप्ताह तक कंजक्टिवाइटिस मरीजों की रहेगी संख्या
Ranchi: आंखें बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती हैं. इनके साथ थोड़ी सी भी परेशानी हो तो तुरंत लक्षण दिखाई देने लगते हैं. आंखे आना या लाल होना आंखों से जुड़ी ऐसी ही समस्या है. जिसे चिकित्सीय भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहते हैं. यह एक्यूट या क्रॉनिक दोनों ही रूपों में हो सकती हैं और इसे ठीक होने में दो सप्ताह तक समय भी लग सकता है. कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण होती है. इसका संक्रमण एक या दोनों आंखों में होता है. वातावरण में नमी होने के कारण हाल के दिनों में कंजक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ी है. पहले जहां औसतन 1 से 2 मरीज रिम्स नेत्र विभाग के ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचते थे. वहीं वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 15 के करीब पहुंच गई है.
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एंटी वायरल ड्रग से ठीक हो जाती है कंजक्टिवाइटिसः डॉ राहुल प्रसाद
रिम्स नेत्र विभाग के चिकित्सक डॉ राहुल प्रसाद ने कहा ओपीडी में हर रोज 10 से 15 मरीज कंजक्टिवाइटिस के वजह से इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इसमें दोनों आंखों का लाल होना, पानी और कीची आना सामान्य तौर पर मरीजों में देखा जा रहा है. घर में किसी एक व्यक्ति को हो गया है तो सभी को कंजक्टिवाइटिस होगी. ऐसे मरीजों को एंटीवायरल ड्रग दिया जा रहा है. एंटी वायरल ड्रग से चार-पांच दिनों में मरीज स्वस्थ्य हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि अगस्त के पहले सप्ताह तक कंजक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ेगी. कंजेक्टिवाइटिस होने पर बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की सलाह चिकित्सक ने दी है. कहा कि घर में किसी एक व्यक्ति को आंख आता है तो सभी को होने की खतरा रहता है. साथ ही बार-बार आंख को छुने से बचने की सलाह डॉ राहुल ने दी है.
होम्योपैथी में कंजक्टिवाइटिस आने पर दी जाती है दो दवाः डॉ शैलेंद्र कुमार
वहीं होम्योपैथी के डॉ शैलेंद्र कुमार ने कहा कि बरसात के वक्त कंजक्टिवाइटिस के मामले सामने आते हैं. इस चिकित्सा पद्धति में दो दवाई दी जाती है. इनमें यूफ्रेसिया आई ड्रॉप दो बूंद सुबह और दो बूंद शाम और अर्जेंटम नाइट्रिकम-30 की चार गोली दिन में तीन बार सेवन करने से तीन से चार दिन में ठीक हो जाती है.
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होम्योपैथी में कंजक्टिवाइटिस का इलाज संभवः डॉ संजीव रंजन
वहीं होम्योपैथी के विशेषज्ञ डॉ संजीव रंजन ने कहा कि कंजक्टिवाइटिस होने पर पुलस्टीला, बेलेडोना, सल्फर, एपिस मैलिफिका इन सभी दवाओं का 30 सी पावर की चार बूंद दिन में तीन बार लेने से रोगी को जल्द आराम मिल जाता है.
कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
-एक या दोनों आंखों का लाल या गुलाबी दिखाई देना.
-एक या दोनों आंखों में जलन या खुजली होना.
-आसामान्य रूप से अधिक आंसू निकलना.
-आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना.
-आंखों में चुभन महसूस होना.
-आंखों में सूजन आ जाना, यह लक्षण आमतौर पर एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस के कारण दिखाई देते हैं.
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