Ranchi : फर्जी एफआईआर दर्ज करने वाले पुलिस पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई के लिए एसडीपीओ ने एसपी को रिपोर्ट भेजी है. यह मामला हजारीबाग जिले के बड़कागांव थाना क्षेत्र का है. पुलिस द्वारा तत्कालीन कार्यपालक दंडाधिकारी कुमुद झा के मूल आवेदन को बदलकर तत्कालीन थाना प्रभारी रामदयाल मुंडा द्वारा अन्य लोगों का नाम जोड़कर फर्जी एफआईआर किए जाने को लेकर डीजीपी ने मंटू सोनी की शिकायत पर हजारीबाग एसपी से दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई किए जाने से संबंधित स्पष्टीकरण मांगा था. डीजीपी के स्पष्टीकरण मांगने पर विष्णुगढ़ एसडीपीओ ने हजारीबाग एसपी को एक रिपोर्ट भेजकर दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई के लिए वरीय सक्षम प्राधिकार से निर्णय लेने की बात कही है.
विभागीय कार्रवाई का निर्णय वरीय अधिकारी को तय करने को कहा है
डीजीपी द्वारा हजारीबाग एसपी से पूछे गए स्पष्टीकरण के बाद विष्णुगढ़ एसडीपीओ ने लिखा है कि मंटू सोनी की शिकायत पर तथ्यों की जांच की गई है. जिसमें तत्कालीन कार्यपालक दंडाधिकारी (वर्तमान गढ़वा प्रखंड विकास पदाधिकारी) के आवेदन को बदलकर अन्य लोगों का नाम जोड़कर थाना प्रभारी रामदयाल मुंडा (वर्तमान देवघर, मधुपुर इंस्पेक्टर) द्वारा कांड संख्या 135/16 में आरोपी बनाकर एफआईआर करने के मामले में मंटू सोनी की शिकायत न्यायालय की न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) शिवानी शर्मा की कोर्ट ने गढ़वा बीडीओ कुमुद कुमार झा, मधुपुर इंस्पेक्टर रामदयाल मुंडा, स्पेशल ब्रांच इंस्पेक्टर अकील अहमद और सेवानिवृत्त डीएसपी अखिलेश सिंह, एनटीपीसी के सेवानिवृत्त जीएम टी गोपाल कृष्ण को प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए समन जारी किया है. दोषियों को मंटू सोनी द्वारा दायर परिवाद वाद संख्या 1644/22 में कोर्ट ने धारा 166,166 ए,167, 218 और 220 में प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए संज्ञान लेते हुए समन जारी करने का आदेश जारी किया है. मामले की अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा भी जांच की जा रही है.
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