NewDelhi : वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने का अभियान तेज किये जाने की कवायद शुरू हो गयी है. खबर है कि निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ आज मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव, विधि मंत्रालय के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की.
The Election Commission of India, led by CEC Gyanesh Kumar, along with ECs Dr Sukhbir Singh Sandhu and Dr Vivek Joshi, held a meeting with the Union Home Secretary, Secretary Legislative Department, Secretary MeitY and CEO, UIDAI and technical experts of the ECI in Nirvachan… pic.twitter.com/v8sD4ECpb6
— ANI (@ANI) March 18, 2025
यूआईडीएआई और ईसीआई के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द
सूत्रों के अनुसार निर्वाचन आयोग ईपीआईसी को आधार नंबर से जोड़ने के लिए अनुच्छेद 326, आरपी अधिनियम, 1950 और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के अनुसार संवैधानिक दायरे में रहते हुए समुचित कार्रवाई करने को तैयार है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में यूआईडीएआई और ईसीआई के विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होने जा रहा है.
आधार कार्ड केवल व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मताधिकार केवल भारत के नागरिक को ही प्रदान किया जा सकता है. जबकि आधार कार्ड केवल व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है. इसलिए निर्णय लिया गया कि ईपीआईसी को आधार से जोड़ने का कार्य केवल संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार तथा डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/2023 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप किया जायेगा.
राजनीतिक दल एक ही EPIC नंबर वाले मतदाताओं का मुद्दा ठा रहे है
यह बैठक ऐसे समय पर आयोजित की गयी है जब तृणमूल कांग्रेस, शिव सेना (UBT), एनसीपी (SCP) और बीजेडी आदि राजनीतिक दल एक ही EPIC नंबर वाले मतदाताओं का मुद्दा उठा रहे है. आयोग ने स्वीकार किया है कि कुछ राज्यों में खराब अल्फान्यूमेरिक सीरीज के कारण गलती से एक ही नंबर दोबारा जारी कर दिये गये थे. आयोग के इसे फर्जीवाड़ा मानने से इनकार कर दिया था. कहा कि इस मुद्दे का ठोस समाधान निकालने के लिए आयोग सक्रिय कदम उठा रहा है. देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोपों का स्थाई और वैज्ञानिक समाधान निकालने की बात कही है. यह कदम उन मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिएहै, जो वोटर के रूप में एक से ज्यादा जगहों पर रजिस्टर्ड हैं.
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