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वृंदावन की होली प्रेम और भक्ति का प्रतीक हैः इंद्रेश

Ranchi: टाटीसिलवे में आयोजित आठ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शनिवार को समापन हो गया. इस अवसर पर कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने कथा के दौरान मधुमंगल के हास्य प्रसंग, केशी वध, कंस उद्धार, सुदामा की मित्रता, रुक्मिणी विवाह और 16108 विवाह जैसे महत्वपूर्ण प्रसंगों का वर्णन किया. टोकरी मे रखे फूलो से भक्तों के बीच 45 मिनट तक होली खेली गई. इस दौरान पंडाल परिसर में फूलों की वर्षा की गई. पूरा महौल भक्तिमय हो हुई. कथावाचक इंद्रेश ने वृंदावन की होली का जिक्र किया औऱ कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में प्रेम, आनंद और उत्सव का संदेश दिया है. वृंदावन की होली प्रेम और भक्ति का प्रतीक है, जहां राधा-कृष्ण संग गोपियां भी आनंदित होती थीं.

रक्तदान शिविर में 162 यूनिट ब्लड संग्रह

श्रीमद् भागवत कथा के दौरान समिति द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था. जिसमें कुल 162 यूनिट रक्त संग्रह किया गया. कथा के चौथे दिन पूज्य इंद्रेश जी महाराज भी स्वयं रक्तदान किए. लोगों को इस नेक कार्य में भाग लेने की अपील की थी. यह रक्तदान शिविर रिम्स ब्लड बैंक और हेल्थ पॉइंट ब्लड बैंक के सहयोग से लगाया गया था. मद् भागवत कथा आयोजन समिति टाटीसिलवे के अध्यक्ष रासेश्वर नाथ मिश्रा ने कहा कि इस आठ दिवसीय कथा महोत्सव में भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का रसपान किया. उनके जीवन से जुड़े रहस्यों को समझा. श्रीमद् भागवत केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है. इसमें समस्त मानव जाति के कल्याण का मार्ग है. इसे भी पढ़ें-  दिल्ली">https://lagatar.in/delhi-cm-rekha-gupta-met-pm-modi-also-met-common-people/">दिल्ली

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