कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित वक्फ संशोधन कानून ने शेड्यूल पांच में आने वाली आदिवासी जमीनों को वक्फ एक्ट के दायरे से पूरी तरह बाहर रखा है. यह कानून आदिवासियों के लिए एक क्रांतिकारी सुरक्षा कवच है, जिनकी जमीन पर अवैध कब्जे लगातार हो रहे थे.अजय साह ने कहा कि यह कानून आने के बाद अब उन घटनाओं पर रोक लगेगी, जिनमें मुस्लिम वक्फ बोर्ड के नाम पर बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा आदिवासियों की जमीन हड़पी जा रही थी. बांग्लादेशी घुसपैठ से राज्य की डेमोग्राफी में बड़ा बदलाव आया है, जिसके कई भयावह परिणाम सामने आ रहे हैं.
अजय साह ने कहा कि अगर जेएमएम वक्फ संशोधन कानून का समर्थन नहीं करती, तो यह साफ हो जाएगा कि उनका आदिवासी प्रेम केवल एक राजनीतिक मुखौटा है. उन्होंने जेएमएम को अपनी पार्टी बड़ी करने के ख्वाब पालने से पहले, बड़े विचारों को अपनाने पर ध्यान देने की सलाह दी है.अजय साह ने कहा कि भाजपा हर मोर्चे पर आदिवासी समाज की जमीन, अधिकार और अस्मिता की रक्षा के लिए लड़ती रही है और आगे भी डटकर लड़ेगी. उन्होंने कहा कि झामुमो अधिवेशन में बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ एवं आदिवासी जमीन का सुरक्षा कवच वक्फ संशोधन कानून के समर्थन में प्रस्ताव लाए तो राज्य का भला होगा. इसे भी पढ़ें – पश्चिम">https://lagatar.in/west-bengal-teacher-recruitment-scam-supreme-court-sends-contempt-notice-to-mamata-banerjee/">पश्चिम
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