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वक्फ एक्ट 1995 फिर सुर्खियों में, सुप्रीम कोर्ट का केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस

NewDelhi : वक्फ एक्ट एक बार फिर सुर्खियों में है, खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को वक्फ एक्ट, 1995 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस भेजा है. हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि 1995 एक्ट को 2025 में क्यों चुनौती दे रहे हैं, पूछा कि क्या इसे सुना जाना चाहिए, बता दें कि सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच सुनवाई कर रही थी, SC के सवाल पर याचिकाकर्ता के बकील ने कबा कि कोर्ट में 2013 के वक्फ संशोधन एक्ट को भी चुनौती दी गयी. इस जवाब पर सीजेआई ने कहा कि उसमें भी 12 साल देरी हो रही है. याचिकाकर्ता के वकील ने फिर दलील दी, कहा कि सुप्रीम कोर्ट प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को लेकर भी अब सुनवाई कर रहा है. जइके बाद बीआर गवई ने कहा कि इसे हस्तक्षेप अर्जी के तौर पर सुना जायेगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को 1995 के एक्ट को चुनौती देने वाली एक पुरानी याचिका के साथ जोड़ दिया, बता दें कि याचिका लॉ स्टूडेंट निखिल उपाध्याय द्वारा दायर की गयी है, अब उनकी याचिक पारूल खेडा और हरिशंकर जैन की याचिका के साथ जोड़ दी गयी है. निखिल उपाध्याय वक़्फ एक्ट के विभिन्न प्रावधानों को असंवैधानिक करार देते हुए हुए उनको रद्द करने की गुहार लगाई है. निखिल उपाध्याय की याचिका के अनुसार संशोधन के बावजूद क़ानून के विभिन्न प्रावधान आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन करने वाले है, जो मुस्लिम समुदाय को सरकारी और ग़ैर मुस्लिमों की संपत्ति को हथियाने का अधिकार देते है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि हमने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर सुनवाई कर आदेश सुरक्षित रखा है और आप 1995 के कानून को अब चुनौती दे रहे है. कहा कि देरी के आधार पर ही यह अर्जी खारिज की जानी चाहिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने वकील अश्विनी उपाध्याय का आग्रह मान लिया और कहा कि इस नयी अर्जी को वक्फ कानून को लेकर पहले से पेंडिंग केस में हस्तक्षेप याचिका के तौर पर सुना जायेगा. ब्रिटिश सरकार ने 1913 में वक्फ बोर्ड को औपचारिक रूप से शुरू किया था. 1923 में वक्फ एक्ट बनाया गया. आजादी के बाद 1954 में पहली बार वक्फ अधिनियम संसद से पारित किया गया था. 1995 में इसे एक नये वक्फ अधिनियम से बदल दिया गया था, जिसने वक्फ बोर्ड को और ज्यादा शक्तियां हासिल हो गयी. 2013 में इसे और शक्ति प्रदान की गयी. इसे भी पढ़ें : कॉंग्रेस">https://lagatar.in/congress-asked-how-did-hafiz-saeed-and-masood-azhar-escape-in-operation-sindoor/">कॉंग्रेस

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