NewDelhi : वक्फ संशोधन विधेयक पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, वक्फ (संशोधन) विधेयक संविधान पर सीधा हमला है. यह इसकी बुनियाद के खिलाफ है. कहा कि हर विपक्षी दल इसका विरोध कर रहा है. उन्होंने सवाल किया कि धर्मनिरपेक्ष पार्टियों जदयू और टीडीपी का क्या कहना है?
#WATCH | Delhi | On Waqf Amendment Bill, Congress MP Jairam Ramesh says, “Waqf (Amendment) Bill is a direct attack on the constitution and against its foundation… Every opposition party opposes it, but the question is what is the take of ‘secular’ parties JD(U) and TDP?… It… pic.twitter.com/i3JQtBDUQu
— ANI (@ANI) March 31, 2025
#WATCH | Delhi: Congress MP Jairam Ramesh says “…In a democracy, it is said that the government will have its way but the opposition must have its say…It is very clear in the Lok Sabha that the Leader of Opposition is not being allowed to speak, his voice is being suppressed… pic.twitter.com/hdE56XKhTA
— ANI (@ANI) March 31, 2025
#WATCH | अजमेर: ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने वक्फ (संशोधन)विधेयक पर कहा, “भारत सरकार ने पहले ही अपनी मंशा जाहिर कर दी थी… JPC ने तमाम पक्षों को बहुत धैर्यपूर्वक सुना है… उम्मीद है कि… pic.twitter.com/2mpHtm9TM0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 31, 2025
#WATCH | Delhi | JPC Chairman & BJP MP Jagdambika Pal says, ” While many Muslim clerics are supporting this bill, All India Muslim Personal Law Board is objecting to it. On the day of ‘Alvida Namaz’, they asked people to wear black armbands in protest against this bill, and even… pic.twitter.com/NY54M6xFDJ
— ANI (@ANI) March 31, 2025
जयराम रमेश ने कहा, यह पहली बार था कि समिति में खंड-दर-खंड चर्चा की गयी…अगर भाजपा इसे लागू करती हैं, तो हम लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेंगे.
विपक्ष के नेता को बोलने नहीं दिया जा रहा है,
जयराम रमेश ने कहा कि लोकतंत्र में कहा जाता है कि सरकार अपनी बात रखेगी, लेकिन विपक्ष को भी अपनी बात कहने का हक है. आरोप लगाया कि लोकसभा में यह बात बिल्कुल साफ हो गयी है कि विपक्ष के नेता(राहुल गांधी) को बोलने नहीं दिया जा रहा है,
उनकी आवाज दबाई जा रही है, क्योंकि वह जनता के मुद्दे उठा रहे हैं. कहा कि सरकार विपक्ष द्वारा उठाये गये मुद्दों से डरी हुई है, बौखलाई हुई है और वह नहीं चाहती कि विपक्ष के नेता बोलें…राज्यसभा में भी यही स्थिति है.
हम गंगा-जमुनी तहजीब वाले देश में रह रहे हैं.
जान लें कि कई मुस्लिम संगठन सहित विपक्षी दल वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वहीं ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती इसके समर्थन में हैं. उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हम गंगा-जमुनी तहजीब वाले देश में रह रहे हैं.
यहां विभिन्न संस्कृतियों के लोग मिलजुलकर रह रहे हैं और यही हमारी ताकत है. मेरा मानना है कि वक्फ बिल में संशोधन की जरूरत है. उम्मीद है कि इस बिल से पारदर्शिता आयेगी. कहा कि विरोध और समर्थन करना लोकतंत्र का हिस्सा है. सैयद नसरुद्दीन चिश्ती संवैधानिक तरीके से अगर कोई विरोध कर रहा है तो इसमें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन मेरा मानना है कि वक्फ में बदलाव की जरूरत है.
संशोधन के बाद वक्फ के काम में पारदर्शिता आयेगी
सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि संशोधन का मतलब यह कतई नहीं है कि मस्जिदें या संपत्तियां छीन ली जायेंगी.. यह कहना गलत होगा. यह लोकतंत्र का हिस्सा है. सरकार(मोदी) को कोई जल्दबाजी नहीं है, जेपीसी में चर्चा के बाद बड़ी तसल्ली से यह बिल लाया गया है. दावा किया उन्हें पूरा यकीन है कि संशोधन के बाद वक्फ के काम में पारदर्शिता आयेगी. वक्फ की संपत्ति संरक्षित की जायेगी. अतिक्रमण हटेगा. वक्फ का किराया बढ़ेगा जो हमारी कौम के लिए काम आयेगा.
सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि जहां कई मुस्लिम धर्मगुरु इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस पर आपत्ति जता रहा है. आपत्ति जताई कि इस बिल के विरोध में काली पट्टी बांधने को क्यों कहा गया? कहा कि संशोधित कानून तो अभी सदन में आया ही नहीं है.
तंज कसा कि जब वह आ जाये तब गुमराह कीजिए कि हमारी मस्जिद ले ली जायेगी. संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजीजू ने कह दिया है कि हम कोई मस्जिद नहीं लेंगे, फिर भी इस तरह गुमराह किया जा रहा है.
कांग्रेस, ओवैसी मुसलमानों में वोट बैंक देख रहे हैं
वक्फ संशोधन विधेयक पर बनी जेपीसी पर कमेटी के अध्यक्ष व भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, कई मुस्लिम मौलवी इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस पर आपत्ति जता रहा है. कहा कि अलविदा की नमाज के दिन उन्होंने लोगों से इस बिल के विरोध में काली पट्टी बांधने को कहा था .
आज ईद पर भी उन्होंने लोगों से इस बिल के खिलाफ विरोध जताने की अपील की है. लेकिन क्यों? आरोप लगाया कि कांग्रेस, ओवैसी और एआईएमपीएलबी मुसलमानों को वोट बैंक की तरह देख रहे हैं, तुष्टीकरण कर रहे हैं
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