Washington : क्या चीन और ताइवान युद्ध के मुहाने पर हैं? खबर है कि अमेरिकी सीनेट स्पीकर नैंसी पेलोसी के लौटते ही चीन ने ताइवान की घेराबंदी कर दी है. साथ ही चीन ने ताइवान से सटे इलाकों में सैन्याभ्यास शुरू कर दिया है. चीन ने युद्धाभ्यास के लिए कई युद्धपोतो सहित फाइटर जेट व मिसाइलों को तैनात किय है. जानकारी के अनुसार चीनी सेना ताइवान की सीमा से महज 9 समुद्री मील की दूरी पर सैन्य अभ्यास कर रही है.
अमेरिका सैन्याभ्यास पर नजर बनाए हुए है. एक बात और कि अमेरिका ने चीनी युद्धाभ्यास को देखते हुए ताइवान के पास फिलिपींस सी में अपना युद्धपोत USS Ronald Reagan भेज दिया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन पियरे ने बुधवार को कहा कि चीन नैंसी पेलोसी के ताइवान के दौरे को संकट में न बदले.
U.S. Navy say carrier USS Ronald Reagan conducting operations in Philippine Sea https://t.co/nnwtuhFwOK pic.twitter.com/362gMh3FqF
— Reuters (@Reuters) August 4, 2022
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चीन ने बुधवार को ताइवान के एयर डिफेंस क्षेत्र में 27 लड़ाकू विमान भेजे थे
इससे पहले चीन ने बुधवार को ताइवान के एयर डिफेंस क्षेत्र में 27 लड़ाकू विमान भेजे थे. इनमें से 22 विमानों ने मेडियल लाइन पार की थी. यह दोनों देशों के बीच में एक अघोषित सीमा है. साथ ही चीन ने ताइवान के चारों तरफ 6 जगहों से हवा और समुद्र में अभ्यास करने का ऐलान किया है. ताइवान ने चीन के युद्धाभ्यास को लेकर कहा कि हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा, हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. कहा कि लेकिन हम संघर्ष नहीं चाहते. बदलते घटनाक्रम के बीच अमेरिका ने भी चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि नैंसी पेलोसी के दौरे को संकट में न बदलें.
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चीन नैंसी पेलोसी की यात्रा पर भड़क गया है
चीन नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर भड़का हुआ है. उसने अमेरिका से कहा था कि यह दौरा टाला जाये. चीन ने ताइवान को अंजाम भुगतने की धमकी दी थी. अब नैंसी पेलोसी के लौटते ही चीन ने समुद्र में सैन्य गतिविधियां शुरू कर दी. चीन के इस कदम को युद्ध भड़काने जैसा ही माना जा रहा है. बता दें कि यूक्रेन ने नाटो की सदस्यता लेने का ऐलान किया था, तब रूस ने भी इसी तरह सैन्य अभ्यास के बहाने सीमा तक सेना पहुंचाई थी. इसके बाद फरवरी में यूक्रेन पर हमला कर दिया गया.
चीन की धमकी पर ताइवान ने दिया जवाब
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा नैंसी की यात्रा को लेकर कहा था कि अमेरिका का यह रुख आग से खेलने जैसा है. यह बहुत ही खतरनाक है. जो आग से खेलेंगे, वे खुद जलेंगे. उधर, ताइवान ने भी युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिये हैं. बता दें कि ताइवान को अमेरिका का सीधा साथ मिल रहा है. यही वजह है कि ताइवान भी चीन को किसी भी स्थिति से निपटने की धमकी दे रहा है.
पेलोसी ने चीन को दिया सख्त संदेश
नैंसी पेलोसी ने ताइवान की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की थी. इस क्रम में उन्होंने कहा था कि अमेरिका ताइवान के लोकतंत्र की रक्षा करेगा. साथ ही ताइवान से किये हुए सभी वादे निभाएगा. जान लें कि पेलोसी ने अपनी यात्रा के क्रम में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी. इसमें 1989 के तियानमेन स्क्वायर पर हुए प्रदर्शन के दौरान छात्र नेता रहे कैक्सी भी शामिल थे. जो 2019 में हॉन्गकॉन्ग चले गए थे. उधर, अमेरिका ने चीन को ताइवान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई न करने की धमकी दी है
यूएन चीन की वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करता है
चीन मानता है कि ताइवान उसका क्षेत्र है. जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश बताता है. अमेरिका के ताइवान के साथ आधिकारिक रूप से राजनयिक संबंध नहीं है. वह चीन की वन पॉलिसी का समर्थन करता है. लेकिन अमेरिका ताइवान रिलेशंस एक्ट के तहत उसे हथियार बेचता है. इस कानून में कहा गया है कि अमेरिका ताइवान की आत्मरक्षा के लिए जरूरी मदद देगा. ऐसे में चीन नैंसी पेलोसी के तालिबान दौरे को सीधे तौर पर वन चाइना पॉलिसी को चुनौती के तौर पर देख रहा है.
चीन ने धमकी दी है कि यह दौरा हथियार उठाने की वजह भी बन सकती है. नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, हमारी स्थिति एकदम साफ है. हम महासभा के प्रस्तावों के तहत चीन की वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करते हैं.