Ranchi : जरा सोचिए कि किसी के घर का मुखिया यदि अस्पताल जहां लोग जीने की उम्मीद लेकर आते हैं उस के दहलीज पर अगर दम तोड़ दें उनके घर वालों पर क्या बीतेगा. हजारीबाग जिले के पवन कुमार गुप्ता से जुड़ा हुआ है. पवन को बेहतर इलाज की उम्मीद से उनके परिजन रांची के विभिन्न अस्पतालों का चक्कर काटते रहे लेकिन उसे बेड नहीं मिला.
सदर अस्पताल के दहलीज पर पवन ने तोड़ दिया दम
इलाज के अभाव में पवन गुप्ता ने सदर अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया. एंबुलेंस से पहुंचने के बाद चिकित्सक भर्ती करने में काफी देर कर रहे थे तब तक पवन की मौत हो गई.
स्वास्थ्य मंत्री के सामने परिजन हुए आक्रोशित
अस्पताल के अंदर ले जाने के बाद चिकित्सकों ने पवन को मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद पवन के परिजनों का रो-रोकर काफी बुरा हाल हो रहा था. अस्पताल से शव को बाहर निकालने के वक्त परिजनों की नजर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर पड़ी. परिजनों ने स्वास्थ्य मंत्री को काफी भला-बुरा कहा. परिजन चीख-चीख कर कह रहे थे कि आपको सिर्फ वोट लेने से मतलब है जनता की जान की परवाह नहीं है. परिजन सदर अस्पताल की खराब व्यवस्था को लेकर भी काफी आक्रोशित थे. मृतक की बेटी कह रही थी कि क्या स्वास्थ्य मंत्री मेरे पिता को वापस कर सकते हैं.