वीरेंद्र राम और अवधेश कुमार दोनों का ही पैतृक विभाग जल संसाधन है. जल संसाधन विभाग ने वर्ष 2010 में मुख्य अभियंता के रूप में बीरेंद्र राम की सेवा आरइओ को सौंपी थी. वह 2010 से 2023 तक आरइओ में मुख्य अभियंता के रूप में कार्यरत रहे.प्रवर्तन निदेशालय ने वीरेंद्र राम को मनी लाउंड्रिंग के आरोप में 23 फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया. वीरेंद्र के ठिकानों पर छापामारी के दौरान 30 लाख रुपये नकद, 1.50 करोड़ के जेवरात और चल अचल संपत्ति में निवेश से संबंधित दस्तावेज मिले थे. [caption id="attachment_1030016" align="aligncenter" width="272"]
alt="" width="272" height="278" /> इंजीनियर अवधेश कुमार के पदस्थापन की अधिसूचना की कॉपी (लाल घेरे में उनका पदस्थापन).[/caption] जल संसाधन विभाग ने राज्य गठन के बाद अवधेश कुमार की सेवा सहायक अभियंता के रूप में आरईओ को सौंपी थी. वह उसी समय से आरईओ में जमे हुए है. आरईओ में ही वह सहायक अभियंता से अधीक्षण अभियंता के रुप में प्रोमोट हुए.
फिलहाल अधीक्षण अभियंता के वेतनमान में ही आरईओ में मुख्य अभियंता के प्रभार में हैं. वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्य अभियंता के पद पर पदस्थापित किया गया.नियमानुसार जल संसाधन विभाग के इंजीनियर को दूसरे विभाग में छह साल काम करने के बाद वापस अपने पैतृक विभाग में लौटना है. अवधेश कुमार सिर्फ कागजी तौर ही आरईओ से अपने पैतृक विभाग जल संसाधन में लौटते हैं और तुरंत वापस हो जाते हैं.