हम सब ‘विकसित भारत@2047’ में प्रतिबद्ध होकर अपना योगदान दें
Ranchi: राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि हमारा देश विविधताओं से भरा है लेकिन विविधता में एकता है. हम सब एक हैं और एक रहेंगे. देश के विभिन्न प्रदेशों में मनाए जाने वाले पर्व, त्योहार एवं उत्सव की अवधारणा एवं उद्देश्यों में भी समानता है. पोंगल पर्व फसल पैदावार वाले के लिए प्रकृति, किसान एवं पशु के प्रति आभार प्रकट करने का पर्व है. हमारे किसान बिना किसी लोभ-लालच के सूर्य की भांति नियत समय पर खेत की ओर निकाल जाते हैं. सोहराई एवं टुसु पर्व के केंद्र बिंदु में भी प्रकृति, कृषि एवं पशु की पूजा ही हैं, जो हमारे जीवन के आधार हैं. राज्यपाल रविवार को राजभवन में संयुक्त रूप से पोंगल, सोहराई एवं टुसु पर्व के साथ-साथ त्रिपुरा, मेघालय एवं मणिपुर के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा, मेघालय एवं मणिपुर प्रकृति के गोद में बसे हैं. इनका गौरवशाली इतिहास रहा है एवं गरिमामयी विरासत रही है. ये सांस्कृतिक विविधताओं से भरे पड़े हैं.
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एक दूसरे की संस्कृति से हो रहे हैं अवगत
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के तहत हम एक दूसरे के संस्कृति से अवगत हो रहे हैं. आपसी सौहार्द एवं समन्वय की भावना भी प्रगाढ हो रही है. राज्यपाल ने देश के विकास के लिए सभी से साथ मिलकर कार्य करने का आह्वान किया. कहा कि हम सभी का दायित्व है कि हम सब ‘विकसित भारत 2047’ में प्रतिबद्ध होकर अपना योगदान दें. कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रदेशों के लोगों द्वारा लोक नृत्य व गीत भी पेश किए गए. इससे पूर्व राज्यपाल राज भवन के मूर्ति गार्डेन में आयोजित पोंगल उत्सव में सम्मिलित हुए एवं पूजा अर्चना की. उन्होंने सभी के सुख समृद्धि की कामना की.
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