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हम भविष्य में चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए फिर से तैयार : आर्मी चीफ

NewDelhi :  हम भविष्य में चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए फिर से तैयार हैं, जैसा कि हमने अतीत में भी करके दिखाया है. इस तरह की घटनाएं तब तक होती रहेंगी, जब तक कि एक दीर्घकालिक समाधान (सीमा समझौता) नहीं हो जाता. भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे गुरुवार को  पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 116वें वार्षिक सत्र में बोल रहे थे. इस क्रम में कहा कि हमारे प्रयासों में इस बात पर जोर होना चाहिए ताकि हमारे पास उत्तरी (चीन) सीमा पर स्थायी शांति स्थापित हो. कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ घटनाक्रम पश्चिमी और पूर्वी मोर्चे पर भारत की `सक्रिय और विवादित सीमाओं` पर चल रही विरासत की चुनौतियों को जोड़ता है. जनरल नरवणे ने कहा कि जहां तक उत्तरी पड़ोसी का संबंध है, भारत के पास एक उत्कृष्ट सीमा मुद्दा है इसे भी पढ़ें : कांग्रेस">https://lagatar.in/praise-of-home-minister-amit-shah-and-rss-came-out-from-the-mouth-of-congress-rajya-sabha-mp-digvijay-singh/">कांग्रेस

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छद्म युद्ध के कारण,भारतीय सेना पूरे साल सक्रिय संचालन में है

उन्होंने कहा कि इस बेहद चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील समय के दौरान सशस्त्र बलों ने एक लचीला भारत बनाने में योगदान दिया. कहा कि "आप यह महसूस करेंगे कि सेना, नौसेना और वायु सेना तीनों सेवाओं में से प्रत्येक के पास चुनौतियों का अपना सेट है.  हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के साथ ही विवादित सीमाओं के हमारे अजीबोगरीब माहौल और भीतरी इलाकों में चल रहे छद्म युद्ध के कारण, भारतीय सेना पूरे साल सक्रिय संचालन में है. इसे भी पढ़ें : केंद्रीय">https://lagatar.in/central-law-minister-kiren-rijiju-danced-pm-modi-tweeted-the-video/">केंद्रीय

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कोविड महामारी जैसी चुनौती अद्वितीय और अभूतपूर्व थी

मनोज मुकुंद नरवणे ने माना कि हालांकि, कोविड महामारी जैसी चुनौती अद्वितीय और अभूतपूर्व थी. उन्होंने कहा, हमें अपनी रक्षा करनी थी, तभी हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकते थे और दूसरों की मदद कर सकते थे. कहा कि महामारी के दौरान राष्ट्रीय प्रयास को बढ़ाने के लिए तीनों सेवाओं की संयुक्त क्षमताओं को सेवा में लगाया गया. भारतीय वायु सेना ने विभिन्न देशों में फंसे हमारे नागरिकों को बड़े पैमाने पर हवाई मार्ग से निकालने का काम किया. साथ ही चिकित्सा आपूर्ति (ऑक्सीजन) में भी योगदान दिया. [wpse_comments_template]

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