Basant Munda
Ranchi : मधुकम मुहल्ले के लोग पानी की किल्लत से परेशान हैं. दिन रात पानी के जुगाड़ में भटकते रहते हैं. जून महीने के पहले सप्ताह में गर्मी बढ़ गई है. चूंकि मार्च -अप्रैल में ही कुए सूख गये हैं, बोरिंग फेल हैं, इसलिए लोगों को पानी के लिए ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है. सरकारी कुएं नहीं हैं. ज्यादातर लोग सप्लाई पानी पर ही निर्भर है. लेकिन सप्लाई वाटर कब आएगा, कब जाएगा लोगों को पता ही नहीं. वैसे भी मुहल्ले के ज्यादार घरों मे सप्लाई वाटर का कनेक्शन ही है नहीं. मुहल्ले की मुख्य सड़क के किनारे चार चापानल तो दिखते हैं, लेकिन उनसे पानी नहीं निकलता है.
निगर निगम का टैंकर कभी पानी लेकर आता ही नही
वर्षों से चारों चापानल खराब पड़े हैं. मुहल्ले के लोगों ने कई दफा मिनी एचवाईडीटी (पानी टंकी) की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग तो की, लेकिन निगम के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इसे कभी गंभीरता से लिया ही नहीं. निगर निगम का टैंकर कभी पानी लेकर आता ही नहीं. नतीजतन लोगों को पीने के लिए जार का पानी खरीद कर लाना पड़ता है. लोगों का कहना है कि पानी की समस्या को लेकर हर साल निगम के अधिकारियों का ध्यान दिलाया जाता है, लेकिन कभी स्थायी रूप से इसका समाधान करने की कोशिश नहीं की गयी.
तीन साल से खराब पड़े हैं चापानल : पीयूष राज
मुहल्ले में रहनेवाले पीयूष राज ने बताया कि चारों के चारों चपानल तीन साल से खराब पड़े हैं. मुहल्ले में सप्लाई पानी नहीं समय पर नही पहुंचता है. पानी कब आएगा, कब जाएगा, पता ही नहीं चलता है. पावर कट और लो-वोल्टेज की समस्या से भी लोग परेशान रहते हैं. न इन्वर्टर चार्ज हो पाता है और न पंखा ही ढंग से चल पाता है.
सप्लाई पानी का कोई भरोसा ही नहीं : हर्ष राज
मुहल्ले के रहनेवाले हर्ष राज ने बताया कि सप्लाई पानी का पाईप घर तक पहुंचा है. कनेक्शन भी ले रखा है, लेकिन पानी कभी -कभी ही आता है. सप्लाई पानी दो- तीन दिन में कभी कभार आ जाता है. सबसे बड़ी समस्या है कि सप्लाई पानी भी पीने लायक नहीं है. जगह -जगह पाइपलाइन लीकेज है, जिससे नाली का गंदा पानी पाइप में चला जाता है. बोरिंग सूख गया है. पीने के लिए जार वाला आरओ पानी मंगवाना पड़ता है. गर्मी में तकलीफ ज्यादा होती है.पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है.
गर्मी में पानी के लिए बढ़ जाती है परेशानी
सतीश कुमार ने बताया कि गर्मी में बोरिंग का जलस्तर नीचे चला गया है. पानी बहुत कम निकल रहा है. सप्लाई वाटर पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. हालांकि इस बार थोड़ी बारिश समय- समय पर हुई है, इसलिए बोरिंग से काम चलाने भर पानी मिल जाता है. तो कुछ दिन पहले तो एक बूंद भी पानी नहीं निकलता था. मुहल्ले में लगभग 10 हजार से अधिक की आबादी है. लेकिन गर्मी के दिनों में लोगों को काफी परेशानी होती है.
खराब चापानल बनवाने की चिंता किसी को नहीं : मोहित कुमार
मोहित कुमार ने बताया कि सरकारी डीप बोरिंग नहीं है. सभी चपानल खराब है. चापानल बनता तो मुहल्ले के लोगों की पानी की दिक्कत दूर हो जाती. लोगों को कम से कम पीने के लिए तो पानी नहीं ही खरीदना पड़ता. खराब चापानाल बनवाने को लेकर न तो जनप्रतिनिधियों को कोई चिंता है और न नगर निगम के अधिकारियों को. मुहल्ले के लोग मार्च का महीना आते-आते पानी के लिए परेशान हो जाते हैं.
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