Kolkata : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ शनिवार को हिंसा प्रभावित नंदीग्राम पहुंचे. नंदीग्राम पहुंचने पर शुभेंदु अधिकारी ने उनका स्वागत किया. राज्यपाल यहां हिंसा प्रभावित लोगों से मिले. कहा कि राज्य कोविड और चुनाव के बाद हुई हिंसा के गंभीर संकट से गुजर रहा है. मैं मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) से अपील करता हूं कि वो इस पर ध्यान दें, लाखों लोग जूझ रहे हैं.
बता दें कि राज्य में सरकार बनाने के बावजूद ममता बनर्जी की परेशानी कम नहीं हो रही है. जगदीप धनखड़ के आक्रामक तेवर ममता के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. राज्यपाल पिछले तीन दिनों से लगातार हिंसाग्रस्त इलाकों का भ्रमण कर रहे हैं. इससे पहले वे सीतलकुची और कूचबिहार और फिर असम के रणपगली के कैम्प पहुंचे थे. इन कैम्पों में हिंसा पीड़ित रह रहे हैं.
प्रजातांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात हो रहा है
इससे पहले जगदीप धनखड़ ने 14 मई को रणपगली में कहा था कि प्रजातांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात हो रहा है, हम कानून-व्यवस्था से दूर जा रहे हैं. कहा कि इसकी शुरुआत चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने की, जब उन्होंने पहली बार जनता को चेतावनी दी कि केंद्रीय बल कब तक रहेंगे, उनके जाने के बाद कौन बचायेगा? मुझे उनसे इस प्रकार की उम्मीद नहीं थी.
क्या प्रजातंत्र में वोट देने की सजा मौत है?
राज्यपाल ने कहा कि लोगों के घर किस तरह से बर्बाद हुए, व्यापारी संस्थानों का क्या हाल किया गया है. यह सब एक ही कारण से किया गया कि दुनिया के सबसे बड़े प्रजातंत्र में आपने इतनी बड़ी हिमाकत क्यों कर ली कि अपनी मर्जी से वोट दे रहे हो. पूछा कि क्या प्रजातंत्र में वोट देने की सजा मौत है? जान लें कि 13 मई को कूचबिहार में राज्यपाल ने कहा था कि चार राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव हुआ. हिंसा केवल बंगाल में ही क्यों हुई? मैंने निर्णय किया है कि हर संभव कदम उठाऊंगा, जिससे लेागों का हौसला बढ़े.