Kolkata : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सात मार्च से विधानसभा सत्र बुलाने की सिफारिश बैरंग वापस किये जाने की खबर है. ममता द्वारा की गयी सिफारिश को राज्यपाल ने यह कह कर मंजूरी नहीं दी कि यह प्रस्ताव संवैधानिक मानदंडों को पूरा नहीं करता. इस संबंध में राज्यपाल ने एक वीडियो ट्वीट में कहा, संविधान राज्यपाल को कैबिनेट की सिफारिश पर सदन का सत्र बुलाने की अनुमति देता है. यह संविधान में लिखा गया है और यह प्रक्रिया रूल ऑफ बिजनेस में भी निर्धारित है.
WB Guv:
Hon’ble CM Mamata Banerjee recommendation to summon assembly on March 7 had to be returned for constitutional compliance as Guv summons assembly on the recommendation made by the Cabinet after due compliance of Rules of Business under article 166(3) of constitution. 1/2 pic.twitter.com/lCdvDuukpB
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) February 19, 2022
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सरकार ने मुझे 17 फरवरी को एक फाइल भेजी थी
राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने मुझे 17 फरवरी को एक फाइल भेजी थी, जिसमें 7 मार्च को विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की गयी थी. हालांकि, उस पर केवल मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर थे. इस स्थिति में कैबिनेट के फैसले की भूमिका आवश्यक है. उन्होंने कहा कि मेरे पास एकमात्र विकल्प यह था कि फाइल सरकार को लौटा दी जाये, ताकि वे इसे संवैधानिक अनुपालन के साथ फिर से भेज सकें. जैसे ही फाइल दोबारा जायेगी, मामले पर संविधान के अनुसार विचार किया जायेगा.
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फाइल वापस भेजना संवैधानिक अनुपालन के लिए एकमात्र विकल्प था
राज्यपाल ने लिखा, माननीय सीएम ममता बनर्जी की 7 मार्च को विधानसभा बुलाने की सिफारिश को संवैधानिक अनुपालन के लिए वापस करना पड़ा, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 166 (3) के तहत नियमों के उचित अनुपालन के बाद कैबिनेट द्वारा की गई सिफारिश पर ही विचार किया जायेगा. जान लें कि राज्यपाल ने अपने ट्वीट के साथ सरकार को लिखा एक पत्र संलग्न किया, जिसमें लिखा था, फाइल वापस भेजना संवैधानिक अनुपालन के लिए एकमात्र विकल्प था.
सिफारिश लौटाये जाने पर निराशा जताते हुए टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि धनखड़ पहले फाइलों पर बैठे थे, जिन्हें जनप्रतिनिधियों द्वारा विधिवत अनुमोदित किया गया था. विधानसभा सत्र के लिए सिफारिश वापस करना प्रशासनिक कार्य को रोकने’का उनका यह नया कदम है.
राज्यपाल समानांतर प्रशासन चलाने की कोशिश कर रहे हैं
श्री रॉय ने कहा, उन्होंने बल्ली नगरपालिका के निर्माण की मांग वाले विधेयक को भी रोक दिया है. कहा कि सदन बुलाने की सिफारिश संसदीय मामलों के मंत्री द्वारा उचित समर्थन के साथ मुख्यमंत्री द्वारा की गयी है. उन्होंने कैसे अनुमान लगाया कि इसे कैबिनेट की मंजूरी नहीं थी? राज्य के शिक्षा मंत्री बसु ने आरोप लगाया कि राज्यपाल समानांतर प्रशासन चलाने की कोशिश कर रहे हैं. शायद चुनाव में हार से उपजी गहरी निराशा के कारण ऐसा कर रहे हैं.