Kolkata : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम के एक बयान से विवाद हो गया है. भाजपा उस पर हमलावर हो गयी है.
उन्होंने हिंसा के बाद बंगाल में हो रहे पलायन पर कहा कि लोग बंगाल से बंगाल में ही जा रहे हैं. बंगाल सुरक्षित है इसलिए वे राज्य के भीतर ही पलायन कर रहे हैं.
#WATCH | Kolkata | On Murshidabad exodus, TMC leader and West Bengal Minister Firhad Hakim says, “They are migrating within Bengal only… Everything is alright… The situation happened, it happened… Though it is condemnable and police will uncover who was behind it…” pic.twitter.com/4KH5A5hLmv
— ANI (@ANI) April 14, 2025
#WATCH | Murshidabad, West Bengal: A local woman says, “I am going to my daughter’s house in Berhampore’s Khagra. Neither can we sleep nor cook food in our house. There are occasional incidents of stone pelting. We have to think about our safety, and that is why we are going from… pic.twitter.com/rmLnYrxaIt
— ANI (@ANI) April 14, 2025
It is nothing short of a travesty that someone like Firhad Hakim—an individual with a history of sectarian and inflammatory rhetoric—now holds the esteemed position of Mayor of Kolkata, once occupied by towering figures such as Syama Prasad Mookerjee and Subhash Chandra Bose. His… pic.twitter.com/wZSqlnmxbr
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) April 14, 2025
फिरहाद हकीम ने कहा कि राज्य में परिस्थिति ठीक है. बता दें कि मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा और लूटपाट के बाद 500 से भी ज्यादा हिंदू भाग कर मालदा पहुंच गये हैं. फिरहाद हकीम ने कहा कि बंगाल में एक घटना घट गयी. तो उसे लेकर बवाल नहीं मचाना चाहिए.
कहा कि इससे बहुत बड़ी घटना गुजरात में घटी थी. उसके बाद भी लोग चुप थे. आज ऐसा क्या हो गया. घटना निंदनीय है. इस घटना को नहीं होना चाहिए था. इस घटना के जिम्मेदार का पता लगाया जायेगा.
भाजपा ने कहा, फिरहाद हकीम जैसे व्यक्ति जो सांप्रदायिक और भड़काऊ बयानबाजी के इतिहास वाले व्यक्ति हैं, अब कोलकाता के मेयर के प्रतिष्ठित पद पर हैं, जिस पर कभी श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सुभाष चंद्र बोस जैसे दिग्गज लोग काबिज थे.
कहा कि यह चिंताजनक है कि वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और ममता बनर्जी के भरोसेमंद फिरहाद हकीम मुर्शिदाबाद से हिंदुओं के विस्थापन को न केवल उचित ठहरा रहे हैं बल्कि उस पर संतोष भी व्यक्त कर रहे हैं.
बंगाली हिंदुओं को कश्मीरी पंडितों की तरह अपनी ही मातृभूमि में शरणार्थी बना दिया जा रहा है, जिन्हें धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए कश्मीर से भागना पड़ा और जम्मू और भारत के बाकी हिस्सों में शरण लेनी पड़ी.
भाजपा ने कहा, यह वही व्यक्ति है जिसने कोलकाता के एक हिस्से को मिनी पाकिस्तान कहा थ. उसने पहले भी इस्लाम में धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाले भड़काऊ बयान दिये हैं उन्होंने दावत-ए-इस्लाम जैसी पहल का खुलकर समर्थन किया है और गैर-मुसलमानों को दुर्भाग्यशाली करार दिया है.
अगर ममता बनर्जी अपनी चुप्पी जारी रखती हैं, तो वह एक ऐसे व्यक्ति को सशक्त बनाने का जोखिम उठाती हैं, जिसकी वैचारिक महत्वाकांक्षाएं अंततः उनके नेतृत्व को चुनौती दे सकती हैं और बंगाल के इस्लामीकरण की दिशा में एक गहरा धक्का दे सकती हैं.
टीमसी सांसद बापी हलदर भी बयान देने में पीछे नहीं रहे. विवादित बयान देते हुए कहा कि अगर कोई भी वक्फ की संपत्ति पर नजर उठाकर भी देखेगा तो उसकी आंख निकाल लेंगे और पसलियां तोड़ देंगे. भाजपा ने उनपर हमलावर होते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है.
हलदर ने कहा, जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं, तब तक आपके(मुसलमान) पूर्वजनों की अमानत बचाने की जिम्मेदारी हम पर है. कहा कि यह किसी के बाप की संपत्ति नहीं है. इस पर पलटवार करते हुए भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बंगाल पुलिस से सवाल किया, आप हलदर के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद से हिंदुओं को पलायन करना पड़ रहा है. कट्टरपंथी चाहते हैं कि हिंदुओं का अस्तित्व मिटा दिया जाये. घटना के संबंध में बता दें कि शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद के सूती और शमशेरगंज में हिंसा भड़क गयी थी.
बाद में हाई कोर्ट के आदेश के बाद वहां BSF की तैनाती की गयी. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मांग की है कि पश्चिम बंगाल में हिंसा की एनआईए जांच करवाई जाये. आरोप लगाया कि साजिश के तहत हिंसा करवाई गई है.
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