में राहत नहीं, फिर पारा 47 °C पार, बूंदाबांदी ने बढ़ायी उमस
पीएम बायोलॉजिकल नहीं है, कहीं एकांतवास में विलुप्त न हो जाएं
भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी विवेकानंद एकांतवास में चले जाएंगे. 45 घंटे का होगा. चूंकि वे बॉयोलॉजिकल नहीं हैं, इसलिए अंदेशा है कि उस एकांतवास में विलुप्त न हो जाएं, क्योंकि ईश्वर ने उन्हें जितना काम सौंपा था, उन्होंने सभी काम अब तक पूरे कर लिए. हमलोगों ने इंडियन नेवी से कहा है कि पता लगाइए, कहीं आसपास पनडुब्बी तो नहीं है. क्योंकि फिर जिस प्रकार किसी चीज का अवतरण होता है तो निष्तारण भी होता है. यह 45 घंटा बहुत विचलित करने वाला होगा. पिछली बार एकांतवास में गए थे तो एक आंख से देख रहे थे कि कैमरा चल रहा है या नहीं. इस बार क्या कैमरा उनके साथ रहेगा. एकांतवास में क्या और कोई रहेंगे.इतना झूठ और निचली स्तर की बात करने वाला पीएम भारत में नहीं देखा : पप्पू यादव
इस मौके पर बिहार कांग्रेस के नेता पप्पू यादव ने कहा कि दुनिया के इतिहास में सबसे झूठ बोलने वाले, आरोप प्रत्यारोप, हमारे भारतीय संस्कृति में ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया, जितना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. आज उन्होंने कहा कि हमारा मुंह न खुलावाएं नहीं तो सात पुश्त नंगा कर देंगे. आज उन्होंने यह बात कही. उन्होंने कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पंजाब के नाम से एक चिठ्ठी लिखी, कहा कि हमने अपने जीवन में इतनी घटिया,इतना ओछा शब्द नहीं सुना, किसी प्रधानमंत्री को इतने निचले स्तर तक गिरकर बोलते नहीं देखा. कहा कि मनोहन सिंह 90 के पार हो गए हैं.नरेंद्र मोदी तीसरी बार आ गए तो हर स्टेट में मणिपुर दोहराया जाएगा
यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री की एक सार्गिद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति ने कहा कि 300 के करीब इंडिया गठबंधन को आएंगे. एनडीए गठबंधन 200 के नीचे रहेगा. उन्होंने इतना ही नहीं कहा कि अगर तीसरी बार मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो पूरे देश में मणिपुर जैसी घटना घटेगी. कोई भी स्टेट नहीं बचेगा. न केवल उन्हें बल्कि पूरे इंडिया गठबंधन को यह अंदेशा है कि अगर नरेंद्र मोदी तीसरी बार आते हैं तो इस देश में कभी चुनाव नहीं होगा. लोकतंत्र की बात छोड़ दें, रूस और चाईना की तर्ज पर ये चुनाव को कानून और संविधान संशोधन करके लोकतांत्रिक प्रक्रिया को समाप्त कर देगी. नरेंद्र मोदी और आरएसएस की पूरी मंशा इस देश में चुनावी प्रक्रिया को खत्म करने की है. एक बादशाहत काम करना, अंतिम जीवन तक राष्ट्राध्यक्ष बने रहने की इनकी पूरी मंशा हैं, इसलिए ये 400 पार सीट मांग रहे हैं. 400 पार केवल संविधान बदलने के लिए नहीं बल्कि चुनावी प्रक्रिया को ही खत्म करने के लिए मांग रहे हैं. इसे भी पढ़ें -कठिनाईयों">https://lagatar.in/despite-difficulties-conquering-everest-was-the-goal-kamya/">कठिनाईयोंके बावजूद एवरेस्ट फतह था लक्ष्य – काम्या [wpse_comments_template]
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