अब तेरा क्या होगा चन्नी ?
Deepak Ambastha प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे में गंभीर सुरक्षा चूक पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी होशियारी और जल्दबाजी के चक्कर में अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं.चेन्नई ने कहा था कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक नहीं थी, यह मसला "नौटंकी " से अधिक कुछ नहीं है और इसके पीछे `पंजाब की सरकार गिराने का षडयंत्र है`. लेकिन अब जब इसके ठीक उलट कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता यह कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री देश के हैं और उनकी सुरक्षा में चूक स्वीकार नहीं है तो चन्नी अपने ही जाल में फंसे नजर आते हैं. सोनिया गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक गंभीर मामला है और इसके लिए जो जिम्मेदार हैं उन्हें सामने लाना चाहिए तो क्या चरणजीत सिंह चन्नी अब दामन बचा सकेंगे ? कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला दुर्भाग्यपूर्ण है, इसकी जांच होनी चाहिए, तिवारी कहते हैं प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर संसद में कानून बना है जिसे एसपीजी एक्ट कहा जाता है जिसमें 2019 में संशोधन भी किया गया, पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जो कुछ हुआ वह गंभीर मामला है और इसे राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनाया जा सकता है. मनीष तिवारी ने मामले की जांच हाई कोर्ट के वर्तमान जज के द्वारा कराए जाने की मांग भी की है. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि जो हुआ वह अस्वीकार्य है ,यह पंजाबियत के खिलाफ है, लोकतंत्र के खिलाफ है. ऐसी ही प्रतिक्रियाएं शिवसेना ,जदयू, बीजद और अन्य राजनीतिक दलों की तरफ से भी आ रही है ,हालांकि राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू जैसे लोग अभी अपना मुंह बंद रखने में ही भला समझ रहे हैं. अब जब माहौल ऐसा है तो इसके खिलाफ बयान देने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री आजू बाजू झांक रहे हैं, मजबूरी में ही सही उन्होंने एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है जिसे 3 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है, रिपोर्ट जो भी हो हां या ना मुसीबत मुख्यमंत्री की ही है, क्योंकि उन्होंने बगैर सोचे समझे पहले ही काफी कुछ कह दिया है. जानकार बताते हैं कि यह मामला पंजाब चुनाव में गैर सिख वोटरों या कहें कि हिंदू वोटों को भी प्रभावित करेगा और यदि ऐसा हुआ तो फिर सत्ता में चन्नी के 4 दिन ही कहे जा सकते हैं. चुनावी सर्वेक्षण पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के संकेत दे रहे हैं अर्थात कांग्रेस की विदाई, आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक पर पंजाब सरकार को घेरा है.उसकी नजर फिलहाल पंजाब के 37 प्रतिशत से अधिक हिंदू वोटों पर है, जो पंजाब में सरकार तय करते हैं. पंजाब सरकार भले ही किसानों की बात कहकर उनके हाथों में खेल रही हो, पर अब यही खेल उस पर भारी पड़ता नजर आता है. कांग्रेस के कुछ दूरदर्शी लोगों के बयान यह बताने के लिए काफी हैं कि कांग्रेस राज्य में हिंदू वोटों को छिटकने से रोकने की अंतिम कोशिश कर रही है पर इसमें सफलता कितनी मिलेगी यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे. वैसे सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में अब शामिल हो गया है. शुक्रवार को सुनवाई में कोर्ट ने कहा है कि सभी रिकॉर्ड पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास सुरक्षित रखे जाएं, कोर्ट के आदेश पर जांच में अब NIA भी शामिल होगी, याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा है कि चूंकि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मामला स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एक्ट के तहत आता है ऐसे में पंजाब सरकार इसकी जांच नहीं कर सकती. [wpse_comments_template]

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