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टूलकिट अपलोड होने के ठीक बाद दिशा ने ग्रेटा से की थी बात, व्हाट्सएप चैट आयी सामने

New Delhi : राजधानी दिल्ली">https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%80">दिल्ली

में नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान करीब दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं. इसके समर्थन में पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा">https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%9F%E0%A4%BE_%E0%A4%A5%E0%A4%A8%E0%A4%AC%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%97">ग्रेटा

थनबर्ग ने भारत विरोधी योजना वाली एक टूलकिट साझा करते हुए ट्वीट किया था. इसके घटना के बाद पुलिस ने टूल किट निर्माता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. उस टूलकिट में भारतीय पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा">https://www.hindustantimes.com/india-news/who-is-disha-ravi-here-s-how-the-22-yr-old-activist-is-linked-to-greta-thunberg-101613360074562.html">दिशा

रवि का भी नाम था. दिशा ने यूएपीए कानून के तहत कार्रवाई के डर से ग्रेटा को ट्वीट डिलीट करने को कहा था. अब दोनों के बीच व्हाट्स ऐप पर हुई यह चैट सामने आ गयी है. दोनों के बीच करीब 20 मिनट तक व्हाट्सऐप पर बात हुई. इसे भी पढ़ें - लोहरदगा">https://lagatar.in/jawan-injured-in-id-blast-in-lohardaga-dies-during-treatment/27730/">लोहरदगा

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पढ़िये टूलकिट अपलोड होने के बाद क्या बात हुई

ग्रेटा बहुत अच्छा होता अगर यह अभी तैयार होता. इसकी वजह से मुझे कई धमकियां मिलतीं. इसने तो हंगामा खड़ा कर दिया है. दिशा - शिट्, शिट्. अभी भेज रही हूं. क्या तुम टूल किट को बिल्कुल डिलीट नहीं कर सकती. अभी हम कुछ भी नहीं बोल सकते. मैं वकीलों से बात करती हूं. आइ एस सॉरी. इस पर हमारा नाम है और हमारे खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई हो सकती है. क्या तुम ठीक हो. ग्रेटा - मुझे कुछ लिखना है दिशा - क्या तुम मुझे 5 मिनट दोगी. मैं अपने वकीलों से बात कर रही हूं. ग्रेटा - इस तरह की नफरत वाली आंधी कई बार आती है और ये वाकई जबरदस्त होती है. दिशा - मुझे माफ करना. हम सब डर गये. क्योंकि यहां हालात खराब होने लगे हैं. लेकिन हम ये सुनिश्चित करेंगे कि तुम पर कोई आंच न आये. हमें सभी सोशल मीडिया हैंडल को डिएक्टिवेट करना होगा. यह भी देंखें- 

दिल्ली पुलिस ने टूलकिट कांड को लेकर जूम को लिखी चिट्ठी

दिल्ली">https://www.delhipolice.nic.in/">दिल्ली

पुलिस ने टूलकिट कांड को लेकर जूम को चिट्ठी लिखी है. जूम से मीटिंग में शामिल लोगों के बारे में जानकारी मांगी गयी है. इस कांड में यह बात सामने आयी थी कि 11 और 22 जनवरी को दिशा, निकिता जैकब, शांतनु, रवि समेत कई लोगों ने ज़ूम प्लेटफार्म पर मीटिंग की थी. इसमें किसान आंदोलन के जरिये देश विरोधी गतिविधियों को तेज करने की बात हुई थी.

टूलकिट कांड में नये किरदार का खुलासा

टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस ने एक नये किरदार का खुलासा किया है. उसका पीटर फैड्रिक है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीटर टूलकिट मामले का मास्टरमाइंड है. विवादित टूल किट का नाम ग्लोबल फार्मर्स स्ट्राइक और ग्लोबल डे ऑफ एक्शन 26 जनवरी रखा गया था. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि पीटर फैड्रिक 2006 से ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है. पुलिस के मुताबिक सोशल मीडिया पर किसे है टैग करना है, क्या हैशटैग करना है और किस पोस्ट को ट्रेंड करवाना है, यह फैड्रिक बताता था. वह खालिस्तानी आतंकी भजन सिंह भिंडर का साथी है. भजन आईएसआई के लिए भी काम कर चुका है. इसे भी पढ़ें- रांची:">https://lagatar.in/ranchi-notice-of-hawala-business-in-upper-market-raids-on-premises-of-big-businessmen/27759/">रांची:

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दिशा रवि पर क्या आरोप हैं

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि टूल किट डॉक्यूमेंट को तैयार करने और उसे वायरल करने में दिशा रवि की अहम भूमिका थी. उसने व्हाट्सएप ग्रुप शुरू किया था और टूल किट बनाने में सहयोग किया था, वह ड्राफ्ट तैयार करने वालों के साथ जुड़कर काम कर रही थी. पुलिस के मुताबिक दिशा रवि खालिस्तान समर्थक पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ मिलकर देश के खिलाफ असंतोष का माहौल बनाने का काम कर रही थी. दिल्ली पुलिस ने दिशा का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है.

क्या है टूल किट  

टूस किट वह डिजिटल हथियार है, जिसका इस्तेमाल सोशल मीडिया पर आंदोलन को हवा देने के लिए होता है. अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान पहली बार इसका नाम सामने आया था. इसके जरिये किसी आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाता है. अगर पुलिस एक्शन लेती है, ये भी बताया जाता है कि तो क्या करना है. सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने, प्रदर्शन के दौरान दिक्कत आये, तो क्या करें और किससे संपर्क करें. यह भी डिटेल दी जाती है. इसे भी पढ़ें- प.">https://lagatar.in/mohan-bhagwat-meets-mithun-amidst-electoral-turmoil-in-west-bengal/27715/">प.

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क्या है यूएपीए (UAPA) कानून?

मुख्य तौर पर यह कानून आतंकवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए बनाया गया है. यूएपीए कानून में देश और देश के बाहर गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किये गये हैं. 1967 में बने इस कानून में साल 2019 में सरकार ने कुछ संशोधन करके इसे और कड़ा किया था. यह कानून पूरे देश में लागू है. इसके तहत आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकती. किसी भी भारतीय या विदेशी के खिलाफ इस कानून के तहत केस चल सकता है. विदेशी धरती पर अपराध के मामले में भी इसके तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है.
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