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खड़गे की म्यान से खड्ग निकला, तो देश के खिलाफ ही निकला : प्रतुल शाहदेव

 Ranchi : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड्गे ने खड्ग भी निकाला तो वह आम अपेक्षा के प्रतिकूल देश के खिलाफ निकला. लोगों को उम्मीद थी कि पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देंगे, लेकिन वह तो देश के इंटेलिजेंस एजेंसी और प्रधानमंत्री की मंशा पर ही प्रश्न कर गये. इस समय जब पूरा देश एक स्वर में आतंकी और आतंकियों के आकाओं मिट्टी में मिलाने की मांग कर रहा है, तो उस समय देश के दूसरे सबसे बड़े दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष का इस तरह के बयान से देश और विदेश में गलत संकेत जाएगा. भाजपा करती है राष्ट्रीयता की राजनीति प्रतुल शाहदेव ने कहा, भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीयता की राजनीति करती है.इसीलिए हमने कभी भी इंटेलिजेंस के फैलियर पर प्रश्न नहीं उठाया है. 26/11 का मुंबई हमले और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री आवास में उनके बॉडीगार्ड द्वारा हत्या देश के दो सबसे बड़े इंटेलिजेंस फेलियर है. भाजपा ने उस समय देश की वर्तमान स्थिति को देखते हुए उस समय इस पर प्रश्न नहीं उठाया था. बल्कि भाजपा पूरे तरीके से सरकार के साथ खड़ी रही. भाजपा के लिए देश सर्वप्रथम है.उसके बाद ही पार्टी और राजनीति आती है. संविधान की  हत्या का सबसे बड़ा प्रयास इमरजेंसी के दौरान हुआ प्रदेश प्रवक्ता ने कहा, संविधान के हत्या का सबसे बड़ा प्रयास इमरजेंसी के दौरान हुआ था.जब लोगों के अधिकार को समाप्त कर दिया गया था. 42 वें संशोधन के जरिए पूरे संविधान का स्वरूप बदलने की कोशिश की गयी थी. आज वही कांग्रेस संविधान बचाने का नाटक कर रही है.लेकिन जनता उनके पुराने कुकृत्यों को नहीं भूली है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहलगाम आतंकी हमले के बाद अपनी पार्टी के अंतरराष्ट्रीय दामाद रॉबर्ट वाड्रा,कांग्रेस नेता अजय राय, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धमरैया, महाराष्ट्र के एमएलए विजय, इमरान मसूद, सैफुद्दीन सोज के देश विरोधी बयानों के लिए खेद प्रकट करेंगे. स्पष्ट है कि मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी एक भाषा बोलते हैं. मंडल कमीशन की रिपोर्ट को 10 वर्ष तक दबाया प्रतुल शाहदेव ने कहा, देश में 1872 से 1931 तक जो जनगणना हुई उसमें जाति का कॉलम भी हुआ करता था. 1951 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस जाति के कॉलम को जनगणना से समाप्त कर दिया. 1980 से 1990 तक कांग्रेस की दो पूर्ण बहुमत की सरकारों ने पिछड़ों को 27% आरक्षण देने वाले मंडल कमीशन की रिपोर्ट को दबा कर रखा.जब विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने इस रिपोर्ट को पेश किया. तत्कालीन प्रतिपक्ष के नेता और राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने लोकसभा में मंडल कमीशन का प्वाइंट दर पॉइंट विरोध करते हुए इस देश को तोड़ने वाला कानून बताया था. इसे भी पढ़ें :अलजजीरा">https://lagatar.in/congress-leaders-should-stop-reading-al-jazeera-babulal-marandi/">अलजजीरा

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