Ranchi: पुलिस मुख्यालय में डीजीपी के साथ काम करने के दौरान चर्चित हुए पुलिस इंस्पेक्टर गणेश सिंह की पोस्टिंग कहां है? पुलिस मुख्यालय में डीजीपी के एनजीओ में? झारखंड जगुआर (जेजे) में? या एंटी करप्शन ब्यूरो, यानी एसीबी में? यह एक बड़ा सवाल बन गया है? इसके कई पहलू हैं और यह सवाल क्यों मौजूं हैं, इस स्टोरी में हम इसे समझने की कोशिश करेंगे.
जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर गणेश सिंह एसीबी के एनजीओ प्रभारी के पद पर पदस्थापित हैं. पिछले साल अनुराग गुप्ता डीजीपी बने. अनुराग गुप्ता ही एसीबी डीजी के प्रभार में थे. उन्होंने तीन दिसंबर 2024 को एक आदेश जारी किया.
आदेश के मुताबिक इंस्पेक्टर गणेश सिंह को एसीबी के एनजीओ प्रभारी के अलावा डीजीपी के एनजीओ के अतिरिक्त प्रभार दिया गया. वह तब से दोनों जगह का काम करते रहे.18 सितंबर 2025 को सरकार ने डीजीपी अनुराग गुप्ता से एसीबी डीजी का प्रभार वापस ले लिया.
19 सितंबर को डीजीपी ने एक आदेश जारी कर गणेश सिंह का तबादला झारखंड जगुआर में कर दिया. लेकिन गणेश सिंह अभी तक विरमित नहीं किया गया है. तकनीकी पहलू यह है कि इंस्पेक्टर गणेश सिंह एसीबी में पदस्थापित हैं. डीजीपी की हैसियत से अनुराग गुप्ता उसकी प्रतिनियुक्ति तो कर सकते थे, लेकिन तबादला करने में पेंच है.
नियम है कि एसीबी से किसी को हटाने या किसी को एसीबी में पदस्थापित करने के लिए एसीबी प्रमुख की सहमति जरुरी है. चूंकि एसीबी के वर्तमान डीजी प्रिया दुबे ने योगदान नहीं दिया था, इस वजह से यह माना जा सकता है कि अनुराग गुप्ता ने डीजीपी और एसीबी डीजी के पद पर रहते हुए तबादले किये. पर, ऐसा करने के लिए स्टैबलिशमेंट बोर्ड की सहमति होनी चाहिए थी, जो इस मामले में नहीं है.
इंस्पेक्टर गणेश सिंह का तबादला झारखंड जगुआर (जेजे) में किये जाने में और भी एक पेंच है. यह पेंच है, उनकी उम्र की. जेजे का गठन नक्सलियों से लड़ने के लिए हुआ है. इस फोर्स में पदस्थापन के लिए जरूरी है कि पुलिसकर्मी शारीरिक रूप से फीट और उनकी उम्र ज्यादा मेहनत करने के लायक हो.
इसलिए यह नियम है कि जेजे में पोस्टिंग के लिए किसी पुलिसकर्मी की उम्र 45 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए. गणेश सिंह की उम्र 45 साल से अधिक है. हालांकि जेजे में इंस्पेक्टर रैंक के वैसे अफसरों की पोस्टिंग पहले भी होते रहे हैं, जिनकी उम्र 45 वर्ष से अधिक है.
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