Washington : 2022 कोरोना महामारी का आखिरी साल हो सकता है. लेकिन इसके लिए विकसित देशों को अपनी वैक्सीन दूसरे देशों के साथ साझा करनी होंगी. ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख डॉ. टेड्रस अधनोम ने यह राहत भरी बात कही है. बता दें कि कोरोना वायरस अपने तीसरे साल में प्रवेश कर चुका है.
WHO के निदेशक की मानें तो साल 2022 में कोरोना महामारी का अंत हो जायेगा. लेकिन वे चिंता जताते हैं कि संक्रीर्ण राष्ट्रवाद और वैक्सीन की जमाखोरी इसमें बाधा बन सकती है. डॉ. टेड्रस का आरोप है कि वैक्सीन की असमानता ने ही ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट के पनपने के लिए आदर्श परिस्थितियां पैदा की हैं. उन्होंने बताया कि वैक्सीन की असमानता जितनी ज्यादा रहती है, वायरस के विकसित होने का जोखिम भी उतना ज्यादा होता है. हम इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते .
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दुनिया के कई हिस्से वैक्सीनेशन में पिछड़ रहे हैं
ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो दुनिया के कई हिस्से वैक्सीनेशन में पिछड़ रहे हैं. बुरुंडी, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोन्गो, चाड और हैती जैसे देशों में पूरी तरह से वैक्सीनेट लोगों की आबादी एक प्रतिशत से भी कम है. जबकि हाई इनकम वाले देशों में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है.डॉ. टेड्रस ने कहा कि इस असमानता से निपटने के बाद ही हम एक सामान्य जीवन में वापस लौटने की कल्पना कर सकते हैं.
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हम असमानता को खत्म करते हैं तो महामारी का अंत हो जायेगा
उन्होंने कहा, अगर हम असमानता को खत्म करते हैं तो महामारी का अंत हो जायेगा. ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी COVAX, WHO और हमारे सहयोगी दुनियाभर में उन लोगों के लिए वैक्सीन, टेस्ट और इलाज को सुलभ बनाने का काम कर रहे हैं, जिसकी उन्हें जरूरत है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के दम पर अब तक लाखों जानें बचाई गयी है. चिकित्सकों के पास अब कोविड-19 से बचाव और इलाज के लिए नयी दवाएं और मेडिकल टूल्स भी उपलब्ध हैं.
बूस्टर डोज से ओमिक्रॉन में हॉस्पिटलाइजेशन का जोखिम 88 फीसद तक कम हो सकता है
दुनिया में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर डॉ टेड्रस का कहना था कि ताजा आंकड़े बताते हैं कि अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 के 80 फीसद से ज्यादा मामले वो हैं जिन्हें बूस्टर डोज नहीं दिया गया है. यूके हेल्थ सेक्रेटरी एजेंसी UKHSA के अनुसार अस्पताल में दाखिल म्यूटेंट स्ट्रेन के 815 मामलों में से 608 को वैक्सीन का बूस्टर डोज नहीं दिया गया है. नया डेटा बताता है कि बूस्टर डोज से ओमिक्रॉन में हॉस्पिटलाइजेशन का जोखिम 88 फीसद तक कम हो सकता है.
UKHSA का डेटा बताता है कि अगर आप अनवैक्सीनेटेड हैं तो आपके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 8 गुना ज्यादा होती है. इसलिए जिन लोगों ने अभी तक कोई डोज नहीं लिया है, उन्हें तुरंत वैक्सीन लगवाने का इंतजाम करना चाहिए.